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कर जोड़

कर जोड़ हम कर रहे,
परमपिता से यह अरदास,
मिले शांति पा की दिवंगत आत्मा को,है प्रार्थना ही हमारा प्रयास।।

शत शत नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि पा को,
वो नही हैं, हो ही नही पाता अहसास,
एक ही नाम था,एक ही काम था,कितना सुखद था उनके होने का आभास।।

12 बरस बीत गए,
उनको हमसे बिछड़े हुए,
कल की ही तो बात लगती है,
आते है याद कभी हँसते हुए,
कभी बिगड़े हुए।।

जो बीत गया है वो दौर न आएगा,
इस दिल के माँ बाप के स्थान पर कोई और न आएगा।।
समय पंख लग कर उड़ गया,
हम लगाते ही रह गए कयास,
झटका सा लगता है सोच कर ,
पापा  नही हैं हमारे पास।।

इस दिवंगत आत्मा को मिले शांति,आज उनके जन्मदिन का है यही उपहार,
कितने अच्छे थे वो दिल के,
बेशक थोड़ा कम करते थे इज़हार।।

सब्ज़ी में नमक जैसे,
मिठाई में मिठास जैसे माँ बाप का होता है प्यार,
जब होते हैं तो सब सहज सामान्य सा लगता है, नही होते तब लगता है क्या अनमोल खो दिया,
करते हैं सही में स्वीकार।।

हौले हौले बरस बीत गए 12
जिंदगी का सफर रहा जारी
कर्मों से मानी ना हार कभी
बेशक जाने की आ गई थी बारी

वो बाजरे की खिचड़ी
वो लहुसन का छौंक
वो मिस्सी रोटी
वो जग भर का दूध
एक दौर था ऐसा
जो आज भी जेहन में रहता है समाया
सच में मात पिता से ही होता है मायका,ये जाने के बाद समझ में आया।।

आप जहां भी हैं,मिले शांति आपकी दिव्य दिवंगत आत्मा को,यही हमारी है अरदास।
अधिक तो नहीं आता कहना,
प्रार्थना ही है हमारा प्रयास।।

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