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इतना अधिक कोई कैसे कर सकता है???(( जन्म जयंती पर भाव भीनी श्रद्धांजलि स्नेह प्रेमचंद द्वारा))


इतना अधिक कोई 
कैसे कर सकता है???
*एक बाबा अनेक किरदार*
 विलक्षण प्रतिभा,बुलंद हौंसला,
*ज्ञान का अनंत अथाह भंडार*

*सिंबल ऑफ नॉलेज*भारत रत्न*
*पीड़ित जनो के मसीहा*
किस किस उपाधि से नवाजूं उनको??
*भारतीय संविधान के शिल्पकार*
इतना अधिक कोई कैसे कर सकता है मेरी समझ से तो है ये पार।।

शब्द स्तब्ध हैं भाव मौन हैं
11 स्वर और 33 व्यंजन भी नहीं बन पाते आधार।।
अदभुत, अविश्वसनीय,अकल्पनीय, *बाबा एक अनेक किरदार*

*संकल्प से सिद्धि तक छिपे होते हैं जाने कितने ही प्रयास*
कोई शॉर्टकट नहीं होता सफलता का,
*सही दिशा में मेहनत करने से ही बनते हैं अति खास*
अति खास भी शब्द छोटा है उनके लिए,पूरा वतन ही उनके लिए था परिवार
 अदभुत,अकल्पनीय,अविश्वसनीय*बाबा एक अनेक किरदार*

*जाति,मजहब, रंग, प्रांत, देश, विश्व*
सबसे उपर है मानवता का नाता*
*यही सिखाया था बाबा साहेब ने*
पर ये हमे समझ में क्यों नहीं आता??

महाशक्ति ने भी लोहा माना जिनका, 
हैं वे *भारतीय संविधान के शिल्पकार*
 *हर संज्ञा सर्वनाम विशेषण पड़ जाता है छोटा*
* कर गए मानवता का ऐसा उद्धार
*अपने भाग्य की बजाय अपनी मजबूती पर हो विश्वाश सभी का*
ऐसा उनका प्रबल विचार

14 अप्रैल जन्म जयंती बाबा साहेब  भीमराव अंबेडकर जी की,
 *विश्व शिक्षा दिवस*के रूप में हुई स्वीकार।।
*शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो* 
*बाबाजी का यह नारा हर वर्ग  हर जाति मजहब को स्वीकार*

*Cultivation of mind should be the ultimate aim of human existence*
,*इस नारे में आता है समझ 
बाबासाहेब की सोच का सार*

*आज आपके जन्मदिवस पर 
शत-शत कोटि कोटि नमस्कार*
ओ गरीबों के मसीहा!
या कहूं जीवन समर के पुरोधा!

*कर्म ही सच्चा परिचय पत्र 
होते ही व्यक्ति का*
* वरना एक ही नाम के
 व्यक्ति होते हैं हजार*

 *व्यक्तित्व और कृतित्व दोनों के
 धनी हैं आप*
* सदा दुआओं में रहोगे शुमार*
*युग आएंगे,युग जाएंगे*
बाबा साहेब से जन्म नहीं लेते 
धरा पर बार बार

*Champion of social justice*
*नारी शक्ति के लिए संवेदनशील और ज्ञान का अथाह भंडार *
किस किस उपाधि से नवाजे आपको??
* भारतीय संविधान के प्रारूप कार*
*इस जग में महान प्रयासों से जो भी मिला है नही कुछ और बहुमूल्य उससे,कितना गहरा उनका विचार*

*ज्ञान ही व्यक्ति के जीवन का आधार*
*जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती,वह इतिहास रच भी नहीं सकती*
**बाबा साहब का प्रबल विचार**

*मैं राजनीति में सुख भोगने नहीं,अपने दबे कुचले भाइयों को दिलाने आया हूं उनके अधिकार*
**बाबा साहब का प्रबल विचार**

*जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ दूजे को नीच माने,वह धर्म नहीं गुलाम बनाने का षडयंत्र है*
**धर्म के विषय में बाबा साहेब के प्रबल विचार**

*जो झुकता है वह सारे जग को भी झुका सकता है*
**ऐसा उनकी सोच का रहा आधार**

*अच्छा दिखने की बजाय अच्छा बनने के लिए जीयो*
**बाबा साहेब का प्रबल विचार**

*लोकतंत्र सरकार का महज एक रूप नहीं है*
**लोक तंत्र पर उनके ऐसे विचार**

*संविधान मात्र वकीलों का दस्तावेज नहीं है यह तो जीवन का एक माध्यम है*
**संविधान पर उनके प्रबल विचार**

*न्याय सदा समानता के विचार को करता है पैदा*
*न्याय की इसी परिभाषा को किया उन्होंने आजीवन स्वीकार*

*मन की स्वतंत्रता ही है वास्तविक स्वतंत्रता*
**बाबा साहेब का प्रबल विचार**

*सटीक निष्पक्ष और ईमानदार हो एक इतिहासकार*
**बाबा साहेब का प्रबल विचार**


*शिक्षा जितनी पुरषों के लिए है ज़रूरी
उतनी ही महिलाओं के लिए जरूरी*
**महिला शिक्षा पर बाबा साहेब के प्रबल विचार**

**मनुवाद को जड़ से समाप्त करना ही लक्ष्य है मेरे जीवन का**
*बाबा साहेब का प्रबल विचार*

*मेरे नाम की जय जयकार करने से बेहतर मेरे बताए मार्ग पर लोग चलें*
**बाबा साहेब का प्रबल विचार**

*राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है जब लोग रंग जाति नस्ल रंग का भेद भुला कर सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दें*
**राष्ट्रवाद पर बाबा साहेब का प्रबल विचार**

*किसी का भी स्वाद बदल सकता है पर जहर को अमृत में नहीं बदल सकते*
**बाबा साहेब का प्रबल विचार**

*बाबा एक पर काम अनेक*
*एक व्यक्तित्व पर अनेक किरदार* *जनकल्याण ही सोच थी उनकी
 जन-जन है उनका शुक्रगुजार*

*भारत रत्न**बौधित्सव*
* पीड़ित जनों के मसीहा*और *भारतीय संविधान के शिल्पकार*
 हम सब ऋणी हैं
 आपके कर्तव्य कर्मों के,
* नहीं अल्फाजों में वह ताकत जो प्रकट कर पाए हम आभार*

* वह शेरनी का दूध है शिक्षा 
पिएगा जो दहाड़ेगा*
* जीवन लंबा होने की बजाय महान होगा जिसका वही दिलों में झंडा
 गाड़ेगा*
 यह कहना था बाबा साहेब का
 *व्यक्ति नहीं थे वे एक विचार* महाशक्ति ने भी लोहा माना जिनका, *प्रगतिशील भारतीय संविधान के शिल्पकार*

*विश्व ज्ञानदीप* सिंबल ऑफ नॉलेज* *आधुनिक राष्ट्र निर्माता*
 *पूरा वतन ही था उनका परिवार* आडंबर रहित थी उनकी जीवनशैली करते थे चरितार्थ
 *सादा जीवन उच्च विचार*

*बिखरे नही वे निखरे विषम आर्थिक परिस्थितियों मे*
*सही होगा कहना उन्हें कोहिनूर* उपलब्ध सीमित संसाधनों में भी 
छुआ बुलंदियों को बाबासाहेब ने,
* सच्चे देशभक्त का निभाया दस्तूर*

* रुके नहीं,थके नहीं, 
चलते रहे, करते रहे, 
जाने कितने ही डूबते
 हुए को दिया उन्होंने तार
* बाबा एक पर काम अनेक*
* एक व्यक्तित्व पर अनेक किरदार* 
अहम से वयम की ओर चले सदा वे 
  सच में ही थे वे कोई अवतार।

 *जाति,मजहब,रंग,प्रांत, देश,
 विश्व में सबसे ऊपर मानवता का नाता*
 यही सिखाया था बाबासाहेब ने
 क्यों यह हमें समझ में नहीं आता???

कामगार वर्ग की रक्षा हेतु लागू कर *बीमा स्कीम* उनका जीवन दिया सवार
 हर 5 साल में वित्त आयोग की व्यवस्था भी है देन उनकी,
* विहंगम सोच* विहंगम कर्म* *विहंगम ही प्राप्त परिणामों का सार*

व्यक्ति नहीं विचार हैं आप
 कहां-कहां नहीं कर दिया सुधार???
 क्या-क्या ना कर गए बाबासाहेब
 कैसे भूलें उनके उपकार????

*सबका साथ सबका विकास हो*
इसी सोच को दे गए आकार
 मानव सेवा ही सच्ची सेवा है
 उनके जेहन का प्रमुख आधार

*कानून विद* एक *महान जन हितैषी* अनेक भाषाओं के ज्ञाता,  थे अति उम्दा सलाहकार
 *भली-भांति जानते थे जिम्मेदारियां और जानते थे अधिकार*

*लोकतंत्र की मजबूती रीढ़*थे निभाया बेहतरीन अपना हर किरदार

*हो ना शोषण कभी किसी का
 उनकी सोच का सुंदर संसार* 

*शिक्षित बनो संगठित रहो और संघर्ष करो इसी सोच को दिया आकार* *महान विभूतियां कभी जाति या धर्म विशेष की नहीं होती धरोहर*
* देश ही नहीं परदेस भी कर रहा स्वीकार*
कोई इतना अधिक भी कैसे कर सकता है???
*उनकी क्षमता का नहीं पाया जा सकता है पार*
*बाबा एक,अनेक किरदार*

 *उनकी आत्मकथा को कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाना 
करता है इस सत्य से इकरार*
* देशकाल सीमा धर्म सरहदों से ऊपर थे बाबासाहेब
 आने वाली पीढ़ियां शायद ही उनके अस्तित्व का कर पाए एतबार*

 अपने ऊंचे कद से कर गए 
जाने में क्या-क्या गुलजार??
 स्व से सर्वे को बाबा साहब ने
 सच में जीवन में लिया था उतार 

*प्रसूति अवकाश* की व्यवस्था भी है उनका अद्भुत योगदान
* पुरुषों के समान औरतों को भी वेतन मिले,
*युग पुरुष बाबा साहेब का जग हुआ कद्रदान *

*महिलाओं को  मताधिकार*
 *हफ्ते में एक दिन अवकाश*
 *एंप्लॉय एक्सचेंज की व्यवस्था* *कामगार वर्ग हितों की रक्षा हेतु बीमा स्कीम को लागू करना*
* हर 5 साल वित्त आयोग की व्यवस्था भी देन है उनकी भारत में,
*कैसा अजब निभाया किरदार*

 *रिजर्व बैंक की स्थापना*
* एक न्यूनतम वेतनमान की व्यवस्था*
 *प्रोविडेंट फंड की व्यवस्था*
*संवैधानिक अवकाश*
*रोजगार कार्यालय की व्यवस्था*
*कर्मचारी राज्य बीमा*
*काम का समय 12 से घटा आठ घंटे*
*महिलाओं को वेतन संग प्रसूति अवकाश*
*ट्रेड यूनियन को मान्यता*
*महंगाई भत्ता*
*स्वास्थ्य बीमा*
*अवकाश का वेतन*
*प्रोविडेंट फंड*
*श्रमिक कल्याण कोश*
*तकनीकी प्रशिक्षण योजना*
*सेंट्रल सिंचाई योजना*
*वित्त आयोग का गठन*
*मतदान का अधिकार*
*भारतीय संखकीय कानून*
*सेंट्रल तकनीकी पॉवर बोर्ड*
*हीराकुंड बांध*
*दामोदर घाटी योजना*
*ओडिशा नदी परियोजना/
*भाखड़ा नांगल बांध*
*सोन नदी घाटी परियोजना*

और क्या क्या गिनवाऊं योगदान 
आपका,
*एक नहीं आपने तो बना दिए अनेक कीर्तिमान*
*सच में बहुत छोटा है शब्द आपके लिए महान*
*न विद्या न परिश्रम ना दान ना ज्ञान* 
नहीं होता जिस मनुष्य के पास,
 सच में होता है वह पशु समान

*Symbol of knowledge की संज्ञा से नवाजा जाना ही सच में है कितनी बड़ी सी बात*
 *11 स्वर और 33 व्यंजनों में नहीं वह ताकत जो दिखा सके आपके जज्बात*
 *ओ संविधान निर्माता!
 संविधान निर्माण में आपका अतुलनीय योगदान*
 *बहुत छोटा है शब्द 
आपके लिए तो महान*

*सामाजिक समता,न्याय,और आर्थिक समृद्धि को जीवन का प्रमुख आधार बताया
 यही कारण है आप की जन्म जयंती को *समानता दिवस* और *ज्ञान दिवस* रूप में भी मनाया*

 *बचपन से ही देखा आपने जातिगत दुर्व्यवहार*
 *बस तब से ही ठानी कुछ कर गुजरने की वाह संविधान के शिल्पकार*

16 डिग्रियां और 9 भाषाओं का ज्ञान और परिचय क्या दूं आपका
 प्रयास और उपलब्ध उपलब्धियां दोनों ही आपकी अति महान

 *विदेश जाकर अर्थशास्त्र में पढ़ने वाले पहले भारतीय विद्वान
 शिखर सम्मान का छू लिया आपने आत्मबल और प्रतिभा के बल पर छू लिया आसमान*

* फर्श से अर्श तक का सफर तय किया अपने,
 भाग्य की रेखाएं निज कर्मों से बदल डाली*
 बहुत कम शख्सियत होती है जग में, होती है जो इतनी अद्भुत निराली* 

लालच की कालिख से कभी उज्जवल कीर्ति को धूमिल ना होने दिया
 जब भी जिक्र होता है बाबा साहब का श्रद्धा से पुलकित हो जाता है जिया 

*शिक्षा से बढ़कर कोई धन नहीं संसार में *
*मात्र कहा ही नहीं बाबा साहब लाए इसे व्यवहार में*

 इतनी गहरी प्यास थी विद्या की चित में उनके,
 बन गए भारतीय संविधान के शिल्पकार
 12 से 14 घंटे की पढ़ाई 50000 से भी अधिक पुस्तकों का अथाह भंडार 

*आदि से अंत तक मिमी सिर्फ भारतीय हूं*
 *जीवन लंबा होने की बजाय हो जीवन महान*
*ऐसा धर्म ही सच्चा धर्म है जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारे का करें आह्वान*

 *सोच कर्म और परिणाम की ऐसी भाई त्रिवेणी
 खास से बन गए अति अति खास* 
*मानव अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य हो बुद्धि का विकास*
 *पति पत्नी के बीच संबंध घनिष्ठ मित्रों सा करे आवास*

 *कितनी अच्छी सोच अच्छे कर्म अच्छे ही रहे परिणाम*
 *आज उनकी 132वीं जन्म जयंती पर शत-शत उन्हें हमारा परिणाम*

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