*एक ही वृक्ष के हैं हम फल,फूल,पत्ते,
कली और हरी भरी शाखाएं*
*विविधता है बेशक बाहरी स्वरूपों में हमारे,
पर मन की एकता की मिलती हैं राहें*
*कहीं न कहीं मन एक सा है हमारा*
*जो एक ही प्लेटफार्म पर आना चाहें*
*अधिकार संग आती है जिम्मेदारी भी*
*हो बेहतर ये सत्य कभी भूल ना जाएं*
*कुछ तो कर्तव्य कर्म हैं हमारे मातृभूमि के लिए,
गर दिल से हम करना चाहें*
*नजर नहीं नजरिया होता है खास,
बदल सकता है बहुत कुछ,
गर सच्चे प्रयासों को सच्चे दिल से अपनाएं*
*एक और एक होते हैं ग्यारह*
*इस सत्य को हम सही समय पर
समझ पाएं*
*कुछ लोग भीड़ का हिस्सा होते हैं,
कुछ अपने पीछे भीड़ बना देते हैं
विकल्प दोनों होते हैं सामने,
है,हम पर जिस पर चयन का बटन दबाएं*
शब्दों से अधिक दोस्ती नहीं है मेरी,
वरना सीधे सीधे बता देती,
*क्या छोड़ें और क्या अपनाएं*
*समूह मात्र नहीं परिवार है ये*
हो बेहतर गर पूरा हिसार
इस परिवार में आए।।
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