**वही मित्र है**
**कह सकें हम जिनसे बात दिल की**
**वही मित्र हैं**
*संवाद सुस्ता भी जाए पर संबंध
गहराते जाएं*
**वही मित्र है**
*औपचारिकता की जिनसे नहीं होती कोई जरूरत*
**वही मित्र हैं*"
*जाति,धर्म,रंगभेद,प्रांत,शहर,आयु
हर सरहद से जो पार खड़े हैं*
**वही मित्र हैं**
*सहजता दामन नहीं चुराती संग जिसके*
**वही मित्र है**
*ना गिला, ना शिकवा, ना शिकायत हो चित में जिसके*
**वही मित्र है**
*आहत मन को जो दे दे राहत*
**वही मित्र है**
*No sorry,No thanku की
जहां कोई जरूरत न हो कभी*
**वहीं मित्रता है**
*खुद मझधार में हो कर भी जो साहिल का पता बताए*
**वही मित्र है**
*दिशाहीन जीवन को जो दिशा प्रदान करें*
**वही मित्र है**
*हर ले जो तमस जो जीवन से और भर दे उजियारे*
**वही मित्र है**
*जीवन की राह जो सरल बना दे*
**वही मित्र है**
*हर लम्हा जीवंत और खास बन जाए संग जिसके*
**वही मित्र है**
*हमारी चेतना में जो उल्लास का करदे सृजन*
**वही मित्र है**
*चित से अवसाद, विषाद, निराशा के जो धुंध कुहासे हटा दे*
**वही मित्र हैं**
*हमारा परिचय जो हमसे करवा दे*
**वही मित्र है**
*बिन कुछ कहे ही पढ़ ले जो नयनों की भाषा*
**वही मित्र है**
*धूप छांव में जो संग खड़ा हो*
**वही मित्र है**
*हमारी खामोशी के पीछे का कारण जो बिन कहे ही समझ जाए*
**वही मित्र है**
*हमारी मुस्कान के पीछे छुपी उदासी जो पल भर में पढ़ ले*
**वही मित्र है**
*उदास लबों पर जो मुस्कान खिला दे*
**वही मित्र है**
*मैं हूं ना* कहने में जो जरा भी देर ना लगाएं*
**वही मित्र है**
*हर जख्म का जो बन जाए मरहम*
**वही मित्र है**
*पल-पल को जो उत्सव बना दे*
**वही मित्र है**
*हास परिहास में जो मन के जलजात खिला दे*
**वही मित्र है**
*शब्द नहीं, जो भाव चित के पढ़ ले*
**वही मित्र है**
*जीवन की राह को जो सरल बना दे*
**वही मित्र है**
*अग्निपथ को जो सहज पथ बना दे*
**वही मित्र है**
*जीवन के किसी भी चक्रव्यूह में जो अकेला न जाने दे*
**वही मित्र है**
*समय का जिसके संग पता ही ना चले*
**वही मित्र है**
*दोस्ती के इंद्रधनुष को जो खिला दे अनंत गगन में*
**वही मित्र है**
*सदा हां में हां मिलाने वाले सच्चे मित्र नहीं होते हमारी गलत बातों को भी जो हमें खुलकर बता दें*
**वही मित्र है**
*हमारा परिचय हमसे ही जो करवा दें*
**वही मित्र हैं**
*हमारे भीतर छिपी सुधार की अथाह संभावनाओं को जो जान ले*
*वही मित्र है*
*मित्र दुर्योधन से नहीं होते*
जो खुद भी गलत होते हैं और
कर्ण जैसे मित्र को भी गलत राह पर ले चलते हैं*
*मित्र तो *माधव* और *राघव* से होते हैं*
*राघव ने सुग्रीव से मित्रता निभाई*
*माधव ने सुदामा से और पार्थ से मित्रता निभाई*
*मोह ग्रस्त अर्जुन को दिया ऐसा गीता का ज्ञान*
*अर्जुन ही नहीं पूरा जग लेता है शिक्षा जिससे,गीता माधव का अनमोल वरदान*
इससे बड़ी मित्रता की पूरे जग में
नहीं कोई भी मिसाल
**यूं हीं तो नहीं कहा जाता राघव माधव दोनों मित्र रूप में अति कमाल**
#दिल के अनुष्ठान में अपनत्व का यज्ञ होते हैं मित्र#
#जिंदगी की मझधार में एक मजबूत सी पटवार होते हैं मित्र#
#हर उतार चढ़ाव में साथ खड़े होते हैं मित्र#
#एक आवाज पर दौड़े चले आते हैं मित्र#
#हमारे सलाहकार,हितेषी,राजदार होते हैं मित्र#
*मित्र वह संगीत है मधुर सा जो जीवन की हर भोर,दोपहर और सांझ में उतना ही मीठा लगता है*
*मित्र के इत्र से सारा चरित्र महकता है*
*मित्र आस, विकास,वफा और विश्वाश और सबसे मधुर अहसास है*
**हमारी सबसे प्यारी और पहली मित्र मां होती है**
*सबसे धनवान है वो जिसके पास मित्र होते हैं*
*उदासी को मुस्कान में बदलने का सामर्थ्य है मित्र में*
*
*मित्र तो वह हरमोनियम है जिसमे सदा सहजता,उल्लास और जिजीविषा का सुर निकलता है*
*मित्रता तो वह तबला है जहां से सदा सहयोग,प्रेम और विश्वाश की थाप निकलती है*
**इस जग में सबसे बड़ी दौलत है मित्र**
**कुछ कर दरगुजर,कुछ कर दरकिनार**
"*यही होता है सच्ची मित्रता का आधार**
स्नेह प्रेमचंद
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