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लम्हा लम्हा

लम्हा लम्हा बीते हैं पल
पल पल बीत हो गए 80 साल
जन्म देने वाली मां को जन्मदिन मुबारक,
मां जानती है बिन बताए दिल का हाल
सच में मां उत्तर है,हैं गर हम सवाल
अपनी जान पर खेल हमें इस जग में लाने वाली मां सच में होती है कमाल
ना भूलें हम इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी,
सच में मां होती है अद्भुत मिसाल

हर संज्ञा,सर्वनाम विशेषण का बोध करवाने वाली
हर कब क्यों कैसे कितने का उत्तर बन जाने वाली
जीवन के हर मोड़ पर साथ निभाने वाली
शक्ल देख  हरारत पहचानने वाली
हमें हम से बेहतर जानने वाली
मां जिंदगी की किताब का सबसे सुंदर सबसे प्यारा अध्याय है।इस अध्याय सागर को जितना पढ़ते जाओगे ,उतने ही मोती पाओगे।।

धड़धड़ाती ट्रेन से वजूद वाली मां के आगे बच्चों का अस्तित्व थरथराते पुल सा हो जाता है।।
मानों चाहे या ना मानो,ये सत्य है।।

*मां की ममता का इस जग में दूजा कोई विकल्प नहीं*

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