*प्रेम आधार है जीवन का
प्रेम जगत व्यवहार*
*प्रेम नहीं जिस हिवडे में,
उसका जीना बेकार*
*प्रेम ह्रदय का गीत है
प्रेम ही चित संगीत*
*बिन प्रेम सब सूनी हैं
जग की सारी रीत*
*प्रेम समर्पण भाव है
प्रेम ही है विश्वास*
*प्रेम अनमोल सा भाव है
आम बने अति खास*
*प्रेम न जाने तर्क कोई,
प्रेम मधुर सी आस*
*प्रेम न जाने जाति मजहब
सरल हृदय, प्रेम का वास*
*न भाषा न परदेस की कोई दीवार*
*ऐसा ही तो होता है प्रेम का संसार*
*प्रेम की पहली शर्त सम्मान है*
,हर प्रेमी इसका हकदार*
*कुछ कर दरगुजर कुछ कर दरकिनार*
यही मूलमंत्र है वैवाहिक जीवन का
*यही प्रेम का सच्चा सार*
*अलग परिवेश,अलग परवरिश*
*फिर भी जुड़ जाते हैं दिल के तार*
*एक ही राह के अब दो मुसाफिर*
*एक ही दोनों का घर संसार*
*सांझे सुख दुख सांझी खुशियां*
*सांझी जिम्मेदारियां सांझे अधिकार*
*मौन की भाषा भी आने लगती है समझ,ऐसा हो जाता है प्यार*
*कभी बंधन न टूटे,
कभी साथ न छूटे
ऐसा हो दोनों का परिवार*
स्नेह कह रही अति स्नेह से,
दुआओं के स्नेह सुमन सस्नेह कर लेना स्वीकार।।
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