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प्रकृति भी दे जाए तुझे उपहार(( दुआ जन्मदिन पर मां स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

*मैं ही नहीं प्रकृति भी दे जाए 
तुझे तेरे जन्मदिन पर उपहार*

दिनकर दे जाए तुझे तेज अपना,
चंदा बहाए सदा शीतलता की बयार।।

*तारे बिखेर दें छटा अपनी,
अपनी खिलावट से जीवन 
तेरा कर दें गुलजार*
*बूटा बूटा प्रकृति का भर दे
 ताजगी तेरी शख्शियत में,
हो औरा,और भी सुंदर तेरा हर बार*
पुष्प दे जाएं महक और सौंदर्य अपना,तितली समझा जाए क्षणभंगुर जीवन का सार

किसी खुले झरोखे से छनती धूप में नर्तन करते धुलिकण कर जाएं चेतना का संचार
बारिश के बाद की धूप में निखरी निखरी सी हरियाली बस जाए तेरी नजरों में बेशुमार
कागज की किश्ती और बारिश का  टिप टिप पानी ,यादों में सदा रहे शुमार 

*पर्वत दे जाएं तुझे अडिगता अपनी,
गहन सागर, दे जाए अपना अनंत विस्तार*
*जुगनू अपनी चमक से रोशन कर दे वजूद तेरा, 
रोम रोम हो पुलकित तेरा बेशुमार*

*कोयल दे जाए तुझे स्वर पंचम अपना,
कतार बद्ध पंछी समझा जाएं एकता का सार*
*मोर अपना नृत्य दे जाएं,
दे जाएं हंस ,अपनी सफेदी का आधार*

*हरी दूब दे जाए कोमलता अपनी,
सुंदरता दे जाएं वृक्ष देवदार*
ओस दे जाए सौंदर्य अपना,
विशालता दे जाए कचनार
प्रकृति से बड़ा नहीं होता कोई शिक्षक,
प्रकृति एक कैनवास,ईश्वर कलाकार

*हिमालय दे जाए अपनी ऊंचाई,
 रूई से बादल,पारदर्शिता अपार*
धरा दे जाए धीरज अपना,अनंत गगन दे जाए विस्तार
मैं ही नहीं,प्रकृति भी दे जाए,तुझे तेरे जन्मदिन पर उपहार

*सावन भादों दे जाएं अपनी
 महक सौंधी सौंधी,
धुल जाएं चित से समस्त विकार*
*अमलतास की स्वर्णिम आभा से आए तेरे सौंदर्य में निखार
मैं ही नहीं प्रकृति भी दे जाए तुझे तेरे जन्मदिन पर उपहार*

*नदिया दे जाए पल पल बहाव अपना,
नित नित होता रहे तेरा विस्तार
कोई चित चिंता न कभी सताए तुझे,
हर लम्हा जो बीता संग तेरे,
है लाडो मेरे लिए यादगार

बसंत ही बसंत रहे 12 मास तेरे जीवन में,
पतझड़ भूल जाए देना दस्तक तेरे द्वार
मैं ही नहीं प्रकृति भी दे जाए तुझे,
तेरे जन्मदिन पर उपहार

*बहुत टैलेंटेड है तूं बिटिया,
मां सरस्वती की तुझ पर कृपा अपार*
संतुलन,संयम,विकास की सदा बहे त्रिवेणी तुझ में,
हों सदा ही खुशियों के दीदार
*बड़े सपने देखे सदा ही तूने,
ऊंचे लक्ष्य से जीवन का किया श्रृंगार*
*भाग्य लिखा तूने निज कर्मों से,
मेहनत रही सदा तेरा अलंकार*
ईश्वर की रचना है मनुष्य,
मनुष्य की रचना है कलाकार
कल्पना को देना आता है बखूबी तुझे आकार

*कर्मठता का अनहद नाद बजाया,
सफलता का कर लिया दीदार*
*जो ठाना उसे किया पूरा,
जिम्मेदारी संग ले लिए अधिकार*

एक अलग ही माटी से बनाया है ईश्वर ने तुझे,
विशेषताओं से तेरा कर दिया श्रृंगार।।
*बच्चे संग मां भी जन्मदिन पर बधाई की होती है हकदार*
तुझ संग मुझे भी ढेर बधाई,
दिल मेरा गाए यही बार बार
हैप्पी हैप्पी हैप्पी वाला bday ji


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