*चलो ना चलते हैं लाडो*
*हमारा प्यार हिसार*
क्या होता है पापा वहां??
*मुझे शब्दों के आईने से
करवाओ ना दीदार*
सुन प्रश्न बेटी का बोले पापा
*जहां संवेदना,प्रेम,स्वच्छता,जागरूकता,
जिज्ञासा,कर्मठता एक ही छत तले करते हैं निवास*
*हर इतवार दौड़े चले आते हैं यहां चुनिंदा शहर के मतवाले,
जैसे पहुपन में होती है सुवास*
वाह पापा!
कितनी अच्छी जगह है!
*फिर तो सबको आना चाहिए हर इतवार*
*अहम से वयम का यहां बजता है शंखनाद,
कर्मठता की चलती है बयार*
हां बिटिया चलो और बताता हूं तुमको,कैसा है ये हमारा प्यार हिसार परिवार
*स्वेच्छा से आते हैं सब यहां,
किसी बाध्यता की यहां नहीं होती दरकार*
*एक से बढ़ कर एक यहां हैं अति उम्दा कलाकार*
*प्रदूषण मुक्त हो शहर हमारा
स्वच्छता,सौंदर्य और जागरूकता की त्रिवेणी बहती है यहां लगातार*
*सुन आप की बातें आज मेरी समझ को यही आया है समझ,
बतलाती हूं उसका सार*
*5 वर्ष के बच्चे से 80 वर्ष तक
के बुजुर्ग आते हैं यहां,
शिक्षा संग पल्लवित होते हैं संस्कार*
आ जाओ ना इस इतवार
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