*स्वेच्छा से दौड़े आते हैं हर बार*
*ना ही किसी औपचारिकता, न किसी निमंत्रण की होती इन्हें दरकार*
*स्वच्छता बहन है भाई सौंदर्य की,
मां जागरूकता,पिता सौहार्द ऐसा परिवार*
*संकल्प का मिलन करवाने सिद्धि से रहते हैं ये बेकरार*
*इनके सफर को मिल ही जाती है मंजिल हर बार*
*कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती,
ऐसी सोच लिए देश के हैं ये कर्णधार*
*क्या करते हैं हम अपनी माटी के लिए,
बन जाते हैं उदाहरण ये हर बार*
*ईश्वर ने रचा है हम को,
हम भी कुछ रचने का निभाएं किरदार*
*क्यों सो जाती है जिम्मेदारी??
और जागृत हो जाते हैं अधिकार*
*कर्तव्य कर्मों से ना भागें हम,
बन सकते हैं हम अपने शहर के शिल्पकार*
*आप भी आओ,हम भी आएं
कर लें सार्थक अपना इतवार*
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