*जहां चेतना कर्मों से करती है श्रृंगार*
*जहां जिजीविषा से आलिंगनबद्ध होते हैं सुविचार*
*जहां संकल्प करता है वरण सिद्धि का बार बार*
*जहां प्रतिबद्धता और प्रयास रहते हैं एक ही छत तले सपरिवार*
*जहां खुशी बन जाती है उत्सव एक नहीं हर बार*
*जहां मन में किसी के नहीं पनपते कभी विकार*
*जहां जिम्मेदारी संग मुस्कुराते हैं अधिकार*
*एक ही तो है वह स्थान
हमारा प्यार हिसार परिवार*
Comments
Post a Comment