*उपलब्ध सीमित संसाधनों में जो सामर्थ से अधिक कर जाते हैं*
*कोई और नहीं मेरे प्यारे बंधु
वे मात पिता कहलाते हैं*
आपने हमारे लिए किया ही क्या है?
*कभी न कहना अपने मात पिता से
हम में से बहुत से ये गलती दोहराते हैं*
क्या क्या कैसे किन हालातों में कैसे करते हैं,हम मात पिता बन कर ही समझ ये पाते हैं।।
*सुधार और निखार की हर संभावित संभावना को टटोलना जिन्हें बखूबी आता है*
कोई और नहीं मेरे प्यारे बंधु वो सिर्फ और सिर्फ मात पिता का नाता है।।
*हर मसले मिसाइल के धागों को जो संयम से सुलझाते हैं
चक्रव्यूह से इस जीवन में जो बाहर निकलना भी सिखाते हैं*
*रिश्तों के ताने बाने की जो सतत गांठें खोले जाते हैं
बिन कहे ही उन्हें दिल के सारे भाव समझ में आते हैं*
*अधिक शब्दों से नहीं मेरी दोस्ती वरना बता पाती वे हमारा परिचय हमसे करवाते हैं।।
एक मात पिता ही होते हैं इस जग में जो हमे हमारे गुण दोषों संग अपनाते हैं।।
जीवन पथ को सहज पथ बनाने के लिए,अपना जीवन वे अग्नि पथ बनाते हैं।।
हमे ना हो जाए कोई परेशानी,
वे गम छिपा ऊपर से मुस्काते हैं।।
मुझे तो इस धरा पर वे,
ईश्वर के समकक्ष नजर आते हैं।।
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