*तन्हाई जब करती है कोलाहल,
तब माँ याद आ जाती है*
*आती हैं जब गर्मी की छुटियाँ,
तब माँ याद आ जाती है*
*ढलती है जब साँझ सुनहरी,
तब माँ याद आ जाती है*
*कौन सी ऐसी शाम है,
जब माँ याद नही आती है?
नही मिलता जब प्यार माँ सा कहीं,
तब माँ याद आ जाती है
दुखा देता है जब कोई दिल,
तब माँ याद आ जाती है।
*मां कहीं नहीं जाती*
जग से जाने के बाद भी जीवित रहती है सदा,बन के सुंदर सार्थक विचार
*हौले हौले अपना लेते हैं हम उसकी कार्यशैली और व्यवहार*
*खोलती हूँ जब पट अलमारी के,
तब माँ याद आ जाती है*
माँ बाप ही एक ऐसा रिश्ता है जो किसी शर्त पर प्यार नही करता, हम उन्हें दुःख भी देते है,
तो भी प्रेम करते हैं।।
*हमारे गुण और दोषों दोनों संग
हमें जो अपनाते हैं*
*कोई और नहीं मेरे प्यारे बंधु
मात पिता कहलाते हैं**
Comments
Post a Comment