*माधव,मोहन,गिरिधर,नागर
नंदलाला,गिरधारी*
*मोर मुकुट तोहे सिर पर सोहे,
अधरों पर मुरली प्यारी*
*मोहिनी मूरत,सांवली सूरत,
कृष्णा कृष्णा मदन मुरारी*
*आनंदकंद,मुकुंद,मनोहर
श्याम,मदन,कंसारी*
*सबका मन मोहने वाले हो,
कृष्ण,हरि,असुरारी*
*माधव मोहन गिरिधर नागर
नंदलाला गिरधारी*
*मोहिनी मूरत,सांवली सूरत
कृष्णा कृष्णा मदन मुरारी*
राधा कृष्ण है कृष्ण राधा है
जाने जग के सब नर नारी
राधा ने देखा जब अक्स दर्पण में
आए नजर उसे माधव गिरधारी
हुआ चीर हरण जब पांचाली का,
आए दौड़ेमोहन,मदन,मनोहर,मुरारी
चीर बढ़ाया,लाज बचाई,
कृष्णा कृष्णा हरे मुरारी
भोग की वस्तु नहीं,
सम्मान की अधिकारी है नारी
यही संदेश दिया पूरे जग को,
मान रही कायनात ये सारी
मोहिनी मूरत,सांवली सूरत
कृष्णा कृष्णा हरे मुरारी
*क्या क्या ना छूटा तुमसे गोविंद,
जाने ये दुनिया सारी*
*मात पिता छूटे,बाल सखा छूटे,
छूटी राधा प्यारी*
*पर छोड़ा ना तुमने साथ धर्म का,
मदन,मनोहर,दामोदर अघहारी*
*माधव,मोहन, गिरिधर,नागर
नंदलाला,गिरधारी
मोहिनी मूरत,सांवली सूरत
कृष्णा कृष्णा मदन मुरारी*
*गोविंद,गोपाल,गोपेश,गिरधर मधुसूदन,चक्रधारी*
*राधा कृष्ण हैं,कृष्ण हैं राधा,
जानें ये दुनिया सारी*
*गौ रक्षक,तुम धरा के पालक,
गोपियों के मालिक,पीतांबर धारी*
*माधव,मोहन,गिरिधर नागर,
नंदलाला,गिरधारी*
*मोर मुकुट तोहे सिर पर सोहे,
अधरों पर मुरली प्यारी*
*रूखमणीवल्लभ,नागनथिया
तुम ही हो पालनहार*
हे मधुसूदन!देवकी नंदन
*तुम ही तो हो संसार*
*जब जब होती है हानि धर्म की,
ले लेता है तूं अवतार
गीताज्ञान दिया तूने ही तो,
कृष्णा,केशव,तारणहार*
*यदुवंशी,योगीश्वीर,यदुपति
तूं ही तो है चक्रधारी
मुरलीधर,मथुरागोकुलवासी,
मोहन,कुंज बिहारी*
माधव,मोहन,गिरिधर, नागर
नंदलाला गिरधारी
मोहिनी मूरत,सांवली सूरत
कृष्णा कृष्णा मदन मुरारी
हे केशव! देवेश,हृषिकेश,कृष्णा पीतांबरधारी
क्या क्या ना सीखा तुझ से मोहन?
महिमा तेरी है न्यारी
निंद्रा को जीता,इंद्रियों को जीता,
किया दुखों का हरण तूने मुरारी
माधव,मोहन,गिरिधर,नागर
नंदलाला गिरधारी
*मोर मुकुट तोहे सिर पर सोहे,
अधरो पे मुरली प्यारी*
हे जगदीश! रासरचिया
वासुदेव,कुंजबिहारी
अच्युत,रमन,सखा,छलिया भी
तुम ही तो हो बनवारी
मित्र अर्जुन और सुदामा के बड़े खास हो,गिरधर, नागर,गिरधारी
*मोर मुकुट तोहे दिल पर सोहे,
अधरों पे मुरली प्यारी*
*पूर्ण परब्रह्म,गुडाकेश,सारथी
तुम ही तो हो जगदीश*
*वृष्णिपति, रणछोड़ भी
नाम तेरा ही तो है द्वारकाधीश*
नाम 51, काम थे अगणित
*मोहन,माधव,मुरारी*
*राधे राधे करती है दुनिया
महिमा तेरी न्यारी*
माधव,मोहन,गिरिधर, नागर
नंदलाला,गिरधारी
*मोर मुकुट तोहे सिर पर सोहे,
अधरों पे मुरली प्यारी*
*मोहिनी मूरत,सांवली सूरत
कृष्णा कृष्णा हरे मुरारी*
*मुरली बजाने वाले हाथ उठा सकते हैं सुदर्शन चक्र भी,
जान गई है दुनिया सारी*
Comments
Post a Comment