*आजादी की पावन बेला पर आओ मिलकर शीश झुकाएं*
*श्रद्धांजलि दें उन शहीदों को
हम जो लौट के घर नहीं आए*
*यूं ही नहीं मिली हमें आजादी
आओ इतिहास के पन्ने खोलें*
जज्बा,जोशऔर जुनून हर वीर
की रग रग में था बोले*
*आओ करें नमन उन जांबाजों को, नयनों को आंसुओं से धो लें*
सहेजे अनमोल आजादी,रहें प्रेम से, सांप्रदायिकता का जहर अब और ना घोलें*
*15 अगस्त सन 47 को मिली थी देश को आजादी*
*मेहनत आखिर रंग लाई पर जाने कितनों ने अपनी जान गवा दी*
*हुआ बंटवारा, बने मुल्क दो,
मजहब के नाम पर बुराई ने हिंसा को हवा दी**
*उजड़ा सुहाग जाने कितनी माओं का, ना जाने कितने नैना रोए*
मांओं ने खोए लाल तो बहनों ने अपने भाई खोए*
*एक बड़ा भारी मोल था आजादी का आओ सब को अवगत करवाएं*
दें श्रद्धांजलि उन शहीदों को हम,
*जो लौट के घर नहीं आए*
* भारत माता के वीर सपूत थे जांबाज वे सही कहलाए*
*आजादी की पावन बेला पर, आओ मिलकर शीश झुकाए*
* इस आजादी का मोल बहुत था
दंश बंटवारे का झेल कर, मोल चुकाया*
*जर्रे जर्रे में धधकी क्रांति की ज्वाला ,गांधी ने अहिंसा का पाठ पढ़ाया*
*किए आंदोलन और अनशन उन्होंने भारत को आजाद करवाया*
*आज भी *प्रेरणा स्रोत* हैं गांधी
हर पीढ़ी ने अपना शीश नवाया*
*ऐसे गांधी के देश में हम संदेशा अमन-चैन का लाएं*
*आजादी की पावन बेला पर आओ मिलकर शीश झुकाएं*
*लाला जी,पटेल,सुभाष जी,वीर सावरकर जाने कितने ही नाम आज जेहन में आए*
*नाज हमें है उस मन्नू पर जो झांसी की रानी कहलाई*
*युगों युगों से युगों युगों तक कहानी जिसकी सबके दिल को भाई*
*अल्पायु में ही भगत सिंह,सुखदेव और आजाद ने हंसते-हंसते फांसी खाई*
*गर्व है भारत मां को उन पर,
आज याद शहीदों की फिर आई*
*रंगा बसंती चोला अपना,
मां भारती की लाज बचाई*
* करें याद, सीखें उनसे कुछ ,बच्चों को भी सही दिशा दिखाएं*
*आजादी की पावन बेला पर आओ मिलकर शीश झुकाए*
* चेहरे पर कांति,सीने पर गोली, हाथों में थामे आजादी की मशाल*
*हंसते-हंसते जान गवा दी कैसे थे मेरे भारत के लाल*
*अपने खून की स्याही से लिखा आजादी का इतिहास*
*समय बदलेगा, पीढ़ी बदलेंगी
याद आएंगे वे अति अति खास*
*जग से जा कर भी अमर हैं वे वीर बहादुर पूरे विश्व इतिहास में है छाए*
*दें श्रद्धांजलि उन शहीदों को हम,
जो लौट के घर नहीं आए*
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