*सेवा संग मुस्कान
यही निगन की पहचान*
*समाधान हेतु आगमन
संतुष्टि सहित प्रस्थान*
*आए जब भी प्रांगण में
ग्राहक हमारे,
मिले उसे उसकी समस्या का समाधान*
*देकर त्वरित और त्रुटिरहित सेवा उसे
भरोसे,विश्वाश आश्वाशन का पाएं इनाम*
*ग्राहक है तो है संस्था हमारी महान*
*वो नहीं हम निर्भर हैं उस पर
इस सत्य से ना रहें अनजान*
*ग्राहक ही है सर्वोपरि
दें जीवन में उसे यथोचित स्थान*
*समाधान हेतु आगमन,
संतुष्टि सहित प्रस्थान*
*सरल सहज आत्मीय वार्तालाप हो
संग ग्राहक के,
उसकी जरूरतों से न रहें अनजान*
*जिस काम के लिए आए वो प्रांगण में हमारे,
सिद्धि का उसे मिले प्रावधान*
*समाधान हेतु आगमन,संतुष्टि सहित प्रस्थान*
*नई चुनौतियां,नए संकल्प हैं आज के समय में समक्ष हमारे*
*छीन ना ले कोई हमारे ग्राहक को,
आए बार बार वो हमारे द्वारे*
*इसी संकल्प को धार कर हम,
हर चुनौती को करें आसान*
*सेवा संग मुस्कान
यही निगम की सच्ची पहचान*
*समाधान हेतु आगमन
संतुष्टि सहित प्रस्थान*
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