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मिले सबको शिक्षा का मौलिक अधिकार(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

*बच्चे बूढ़े और जवान
ज़रूरी होता सबका योगदान*

*बूंद बूंद बनता है सागर
हर कतरा अपने आप में महान*

*हर कर्म बन जाता सत्कर्म है
गर मूल में होता जनकल्याण*

*शिक्षित भारत,जागरूक भारत
हो वतन में सबको अक्षर ज्ञान*

*तुम भी आओ,हम भी आएं
साक्षर भारत का चलाएं अभियान*

*सबसे बड़ा गहना है शिक्षा
शिक्षा सबसे अनमोल परिधान*

शिक्षित आबादी,सुनिश्चित विकास
आम भी शिक्षा से बन जाता खास

*सुख,स्मृद्धि और सफलता को
आती है शिक्षा अति रास*
*सबसे दौलतमंद वो जग में,
होती है शिक्षा जिसके पास*

*नजर नहीं बदल जाता है नजरिया
शिक्षा से,
शिक्षित व्यक्ति गुणों की खान*
*हर संभावित सुधार की बढ़ जाती है आशा,
शिक्षा का सरल,सीधा विज्ञान*


*अहम से वयम की चलाओ बयार
शिक्षा सबसे अनमोल अलंकार*

*अलख जले शिक्षा की हर गलियारे
हो शिक्षित हर व्यक्ति हर परिवार*

दौलत ना दो,जागीर ना दो
बस दे दो सबको शिक्षा का मौलिक अधिकार
मानो चाहे ना मानो,
अपने आप ही हो जाएंगे आवश्यक सुधार

*फ्री शिक्षा का तो होना चाहिए  हमारे वतन में प्रावधान*
*पढ़ेगा देश तो बढ़ेगा देश*
*बन जाएगी विश्व में पहचान*

*शिक्षा से शक्तिशाली सच कुछ भी नहीं
इस सत्य से रहे ना कोई अंजान*
*ज्ञान क्षुधा हो सबकी पूरी,
हो जाएगा सुंदर जहान*


Comments

  1. आज के युग की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता शिक्षा के संबंध में एक बहुत ही सुन्दर रचना है आपकी ये कृति 🙏 बूंद बूंद बनता है सागर हर कतरा अपने आप मे महान. परम सत्य ये विचार रख कर जो भी व्यक्ति शिक्षा गृहण करता है वह एक दिन जरूर सफल होता है 😊

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