*जीवन का पहला अर्धशतक
बखूबी तुमने लगाया है*
*दूसरा भी ऐसे ही लगाना प्रिया
बार बार दोहराया है*
*बहुत नेहमतों से नवाजा है ईश्वर ने
यही समझ में आया है*
*यूं हीं बारिश होती रहे नेहमतो की
आज मेरे दिल ने गाया है*
*नाम अनुरूप ही हो प्रिय तुम
हर तमस ला देती हो उजियारे*
*भली सोच भले कर्म*
*खुशियां दे देती हैं दस्तक तेरे द्वारे*
*यूं हीं खिली रहे मुस्कान लबों पर
यही दुआ का नगमा गुनगुनाया है*
*जीवन का पहला अर्धशतक तुमने
बखूबी लगाया है*
Comments
Post a Comment