*सांस सांस* आती है याद तूं,
जैसे बारिश में हो बरसता पानी
*लम्हा लम्हा* हो जाता था अनमोल तुझ संग
जैसे मां कहती हो बचपन में कोई परियों की कहानी
*रेजा रेजा* सी हो गई है रूह तेरे जाने से,
सकारात्मकता से भरी थी तेरी जिंदगानी
*बूटा बूटा* हरा हरा सा लगता था संग तेरे,
जैसे तपते सहरा में हो कोई सांझ सुहानी
*नूर नूर* सा टपकता था तेरे अस्तित्व से,
यूं हीं तो नहीं थी दुनिया तेरी दीवानी
*हूर हूर* सी लगती थी तूं इन नयनों को,
परेशान नहीं कर पाती थी तुझे कोई परेशानी
सच में तुझ सा कोई नहीं मां जाई!
*हानि धरा की लाभ गगन का*
तेरे बिछोडे की यही निशानी
सच में तूं धार नहीं पूरा का पूरा सागर थी,
जिंदगी कुछ और नहीं,
है तेरी मेरी कहानी
Wow mam.... बहुत ही सुन्दर कविता.....जो मैम अंजू जी के खूबियों को बताते हुए उनकी याद दिलाती है💯💯
ReplyDeleteWhat an obituary to your beautiful sister who was such a beautiful and pure soul!!
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