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ओ मेरे परवरदिगार((दुआ मां के दिल से))

हर लम्हाआशीषों की बरखा करना,आज मेरे ओ परवरदिगार,
आज जन्मदिन है जिसका,
आए उसके जीवन में सदा बहार।।
मेरे जीवन की धुरी है वो,
शुरू उससे और खत्म भी उस पर संसार

प्रकाशपुंज हो लाल मेरे जीवन के,हैं तुझसे ही ज़िन्दगी के उजियारे,
कांटा भी न कभी कोई चुभे तुझे,तेरी माँ करे प्रार्थना यही साँझ सकारे।।

कुदरत ने आज ही के रोज़ तो दिया था मुझे अनमोल उपहार,
आशीषों की बरखा करना,आज मेरे ओे परवरदिगार।।

मात पिता के जीवन में सब कुछ ही तो होती है औलाद,
तूँ बनना संस्कारी,न बनना विकारी,हों तेरे इरादे जैसे फौलाद।।

जीवन मे देखना सपने ऊंचे,भरना सदा ऊंची ही उड़ान,
करुणा की धारा बहे सदा हृदय में तेरे,मधुर शब्दों का वाणी पहने परिधान।।

कभी किसी का हिया न दुखाना,
गाना सदा ही प्रेम तराना,
सत्य,अहिंसा को जीवन मे लेना धार,
सात्विक भोजन करना,रखना हिवड़े में सदा ही शुद्धविचार।।

आशीषों की बरखा करना,आज मेरे ओ परवरदिगार,
व्यक्तित्व में इसके तेज लाना,ओजस्विता का लगाना बघार।।

प्रेम ही हो इसके जीवन का आधार,
करे करुणा ,विनम्रता का सच्चा श्रृंगार,
मधुर हो वाणी,सत्कर्मो की जीवन मे बजे शहनाई,
आएं गर समस्या,तो समझे ये समाधान की गहराई,
सर्वे भवन्तु सुखिनः के भाव की,इसका हृदय करे तराई,

अहम से वयम का बजाए सदा ही ये शंखनाद,
सवः से सर्वे की चेतना से चित्त करे फरियाद,
कुछ ऐसा बना देना इसको,कर लेना बिनती स्वीकार,
आशीषों की बरखा कर देना,आ मेरे ओ परवरदिगार।।

बरस पर बरस बीत रहे हैं,नित नए अनुभव तेरे हिवड़े को सींच रहे हैं,
फलते जाना फूलते जाना,हो न किसी से तेरी तकरार।।
और अधिक क्या कहूँ मेरे मुन्ना,प्रेम ही हर रिश्ते का आधार,
फिसल रही है ज़िन्दगी,खिसक रहे हैं लम्हे,
सोच के भी भिन्न भिन्न प्रकार।।
आशीषों की बरखा केर देना,ओ मेरे ईश्वर,ओ मेरे परवरदिगार।।

विविध आकर्षण हैं इस जग में,
तुझे अपनी ओर रिझाएंगे,
क्या है अच्छा,क्या बुरा है,बस संस्कार ही बताएंगे।।
जीवन की इस भूलभुलैया में,
सही राह को तेरी मिले आकार,
जीवन के इस अग्निपथ पर हो सफलता की नौका तैयार।।
मावस के बाद आती है पूनम,
निशा के बाद आती है भोर,
तमस है तो हैं उजियारे भी,
देखना लाडले चारों ओर।।

आदित्य से दमकना, जुगनु सा चमकना,अनन्त सागर सा बनना विशाल
देख इतना है विश्वास मुझे संगीतजगत में करेगा कमाल

प्यार भी है,अनुराग भी है,है आज दुआओं का उपहार,
आशीषों की बरखा कर देना,ओ मेरे ईश्वर,ओ मेरे परवरदिगार।।

                    
 हर  लम्हा लाडले तेरे जीवन का हो खुशगवार
आशीषों की बरखा कर देना ओ मेरे परवरदिगार

मां के दिल से निकली यही दुआ ही है उपहार
सौ बातों की एक बात है,प्रेम ही हर रिश्ते का आधार

एक एक करके बीत गए हैं 
कितने ही साल
हर लम्हे की अपनी ही कहानी,
हे ईश्वर तेरी लीला अति कमाल
शब्द भी तूं,भाव भी तूं
तूं हीं जवाब तूं ही सवाल
होता है जब तूं मेरे सामने,
तेरे वजूद से हो जाती हूं निहाल
तूं फले फूले, करे तरक्की
यश,स्मृद्धि दे दस्तक तेरे द्वार
*आशीषों की बरखा करना
ओ मेरे परवरदिगार*

कारवां चलता रहा यादों का,
लम्हा दर लम्हा बीत रही जिंदगानी
सच में जिंदगी और कुछ भी नहीं,
है सिर्फ तेरी मेरी कहानी
इस कहानी का लाल मेरे,
है तूं बहुत अहम किरदार
एक तेरे होने से ही लगता है
सुंदर ये विविध विहंगम संसार
*आशीषों की बरखा कर देना,
ओ मेरे परवरदिगार*

जिंदगी को बनाना है खूबसूरत तो,
*कुछ करना दरगुजर,
कुछ करना दरकिनार*
सौ बात की एक बात है लाल मेरे,
*प्रेम ही हर रिश्ते का आधार*
दूर हो कर भी दिल के बहुत पास है तूं,तेरे चित में पनपे ना कभी विकार

कभी राह भटकना ना लाल मेरे,
बनना है तुझे तो कर्णधार
कर्म ही असली परिचय पत्र होते हैं व्यक्ति का,
वरना एक ही नाम के व्यक्ति होते हैं हजार

*मधुर वाणी और निर्मल चित ने किया है तेरे व्यक्तित्व का दिल से श्रृंगार*
ना गिला ना शिकवा ना शिकायत कोई,
*चित में तेरे बस प्यार ही प्यार*

आज जेहन की चौखट पर दस्तक दी है फिर तेरी यादों ने 
मुन्ना,धुंधले मंजर पर मन खुशगवार

अवरुद्ध सा हो आया कंठ मेरा,
खुशी में भी आंसुओं का लग जाता है अंबार
तूं जीए सालों साल लाल मेरे,
बनना प्यारा सा कलमकार

निकलें शब्द जो तेरी लेखनी से,
सुंदर भावों का किया हो उन्होंने श्रृंगार
संगीत से प्रीत तेरी लाडले यूं हीं रहे सदा बरकरार
कला,साहित्य और संगीत ही होते जीवन का आधार

आशीषों की बरखा कर देना वो मेरे परवरदिगार
लम्हा लम्हा गुजर जाते हैं बरस कितने ही,हो बस तेरा हर लम्हा खुशगवार

एक प्रार्थना है ईश्वर से
चित में न पनपे तेरे कोई विकार
ऐसा नजरिया हो विकसित तेरा,
अपने ही नजरिए से देखें तूं ये विविधता भरा विहंगम संसार

परिवेश और परवरिश तुझे बनाएं बेहतर से बेहतरीन लाडले,
शिक्षा संग मिलें तुझे संस्कार
प्रेम के असली मायने समझ आएं 
तुझे खुद ही,
हो प्रेम भरा तेरा संसार
20 बसंत देख लिए तूने जीवन के,पतझड़ दे ना दस्तक तेरे द्वार
यही दुआ हैं मां के मन की
तेरे जन्मदिन का उपहार

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