*सांस सांस* आती है याद तूं,
जैसे बारिश में हो बरसता पानी
*लम्हा लम्हा* हो जाता था अनमोल तुझ संग
जैसे मां कहती हो बचपन में कोई परियों की कहानी
*रेजा रेजा* सी हो गई है रूह तेरे जाने से,
सकारात्मकता से भरी थी तेरी जिंदगानी
*बूटा बूटा* हरा हरा सा लगता था संग तेरे,
जैसे तपते सहरा में हो कोई सांझ सुहानी
*नूर नूर* सा टपकता था तेरे अस्तित्व से,
यूं हीं तो नहीं थी दुनिया तेरी दीवानी
*हूर हूर* सी लगती थी तूं इन नयनों को,
परेशान नहीं कर पाती थी तुझे कोई परेशानी
सच में तुझ सा कोई नहीं मां जाई!
*हानि धरा की लाभ गगन का*
तेरे बिछोडे की यही निशानी
सच में तूं धार नहीं पूरा का पूरा सागर थी,
जिंदगी कुछ और नहीं,
है तेरी मेरी कहानी
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