हौले हौले शनै शनै बीत रहे हैं सालोंसाल
हर लम्हा है अनमोल लाडले,
हो न जीवन मे कोई मलाल
आदित्य सा तूँ चमकना,
विवेक को अपने कभी न खोना,
देख बेरुखी इस जग की,
लाल मेरे तूँ कभी न रोना
फौलादी रखना अपने इरादे,
करना पूरे सारे वायदे,
प्रतिभा तेरी बड़ी कमाल,
मैं दिल तो तूँ है धड़कन,
मैं उत्तर तो तूँ सवाल।।
आज लेखनी लिखती जाना
माँ की ममता होती है इस जग में सबसे अनमोल खज़ाना,
बच्चे संग जन्म लेते है माँ का अनुराग और ज़िम्मेदारी,
तूँ उंगली जकड़ कर चलना सीखा था मेरी,कल मुझे थामने की आएगी बारी।।
तूँ नित सफलता के सोपानों पर मेरे लाल तूँ चढ़ते जाना,
कभी कभी जीवनपथ बन जाता है अग्निपथ,
पर उनसे न तूँ कभी घबराना।।
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