*76 बसंत देख लिए जीवन के, अनुभव की पाठशाला का समझ आ गया है सार* *कभी पतझड़ आए ना जीवन में, खुशियों की हरियाली रहे बरकरार* *सुमन का नाम देना हो तो कहूंगी आप को *सदाबहार* * हवा सी शीतल,पानी सी पारदर्शी, धरा सी सहनशक्ति,पर्वत सी अडिगता,अग्नि से तेज का आपके व्यक्तित्व में हुआ संचार* *कुछ कर दरगुजर,कुछ कर दरकिनार* *यही मूलमंत्र है जिंदगी के सुखद सफर का, स्नेह ही जीवन का आधार* *अलग परिवेश और अलग परवरिश थी,फिर भी पानी में शक्कर सा घुलने का हुनर आपका रहा बरकरार* *हौले हौले सबको अपना बनाया आपने,चार चार पीढ़ियों से हुआ साक्षात्कार* *बेस्ट बेटी,बहु, बहन,पत्नी,मां,दादी,सासु बखूबी निभाया हर किरदार* *हर रिश्ते को सींचा प्रेम और शांति से, अहम की कभी खड़ी करी ना दीवार* *मां कहा करती मेरी, अमित की मां बहुत ठंडे स्वभाव की है, सच में अतिशयोक्ति नहीं है ये सत्य का सार* *रूठने नहीं मनाने वालों की फेरहिस्त में है आपका नाम शुमार* *कर्म ही परिचय पत्र होते हैं असली व्यक्ति का, वरना सुनीता तो होंगी जाने कितनी हजार* *दीनबंधु जी का आंगन महका जिनके आने से,चिंटू मोंटी दो सु...