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आओ करें स्वागत 2024 का(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

 आओ लें संकल्प 2024 के लिए,
कुछ करने की सोचें कमाल

जो हो ना सका गत वर्ष में,
इस बरस में मचा दें धमाल

संकल्प से सिद्धि तक के सफर में
रुकना थकना ना जाने हम

जब तक न मिले हमे सफलता,
प्रयास करें ना अपने कम

आज नहीं तो कल मिल ही जाएगी सफलता,
किसी बाधा को ना समझें विकराल

उलझे उलझे से धागे सुलझ ही जाते हैं,बस संयम,विवेक और मेहनत से सब लें संभाल

इसी लक्ष्य को प्राथमिकता दें जीवन में,होगा नहीं फिर कोई बवाल

आओ करें स्वागत 2024 का,
दें विदाई 2023 को,
कहलाएगा जो गुजरा साल

कुछ खुशियां मिली,कुछ दिक्कतें हुईं,
पर रहा ना दिल में कोई मलाल


 दस्तक दे रहा है 2024 धीरे धीरे अब, 2023 जाने को तैयार
कुछ खो कर पाना है,
कुछ पा कर खोना है, 
सफर जिंदगी का कभी धीमा कभी पकड़े है तेज रफ्तार

वक्त की कोख से घटनाओं का घटना
रहा जारी,कभी धूप कभी छांव ऐसा रहा ये साल
कुछ मिले जवाब जिंदगी की किताब के,कुछ रह गए  अनुतरित सवाल।

शिकवे शिकायत की अब जला कर होली,प्रेम की मनाएं सब मिल कर दीवाली
आज हो ना कोई विकार किसी भी चित में,ऐसी हो ये रात निराली

सच में फिर जन्नत की भी ना होगी मन्नत,होगा मन में बस उल्लास
सहज भाव से सब संग संग रहेंगे,
आएगा प्रेम व्यवहार फिर सबको रास

जो बीत गई सो बात गई
बस आगे की सुधि लेना
जब जागो है तभी सवेरा
नव वर्ष में संकल्प को सिद्धि की राह देना
           स्नेह प्रेमचंद






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