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सुपर कूल आंटी के खिताब की हो आप हकदार(( दुआ स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

*76 बसंत देख लिए जीवन के,
अनुभव की पाठशाला का समझ आ गया है सार*

*कभी पतझड़ आए ना जीवन में,
खुशियों की हरियाली रहे बरकरार*

*सुमन का नाम देना हो तो कहूंगी आप को *सदाबहार*

* हवा सी शीतल,पानी सी पारदर्शी,
धरा सी सहनशक्ति,पर्वत सी 
अडिगता,अग्नि से तेज का आपके व्यक्तित्व में हुआ संचार*

*कुछ कर दरगुजर,कुछ कर दरकिनार*
*यही मूलमंत्र है जिंदगी के सुखद सफर का, स्नेह ही जीवन का आधार*

*अलग परिवेश और अलग परवरिश थी,फिर भी पानी में शक्कर सा घुलने का हुनर आपका रहा बरकरार*

*हौले हौले सबको अपना बनाया आपने,चार चार पीढ़ियों से हुआ साक्षात्कार*

*बेस्ट बेटी,बहु, बहन,पत्नी,मां,दादी,सासु
 बखूबी निभाया हर किरदार*

*हर रिश्ते को सींचा प्रेम और शांति से,
अहम की कभी खड़ी करी ना दीवार*

*मां कहा करती मेरी, अमित की मां बहुत ठंडे स्वभाव की है,
सच में अतिशयोक्ति नहीं है ये सत्य का सार*

*रूठने नहीं मनाने वालों की फेरहिस्त में है आपका नाम शुमार*

*कर्म ही परिचय पत्र होते हैं असली व्यक्ति का,
वरना सुनीता तो होंगी जाने कितनी हजार*

*दीनबंधु जी का आंगन महका जिनके आने से,चिंटू मोंटी दो सुमनों का मिला उपहार*

*बहु रूप में मिल गई दो बेटियां,
पूजा सुमन से चमन हुआ और भी खुशगवार*

*फिर सरू सिया पीहू अर्जुन के आने से सम्पूर्ण हुआ रावल परिवार*

*ये सब सुनीता जी की नेकी का सिला है,हैं सुपर कूल आंटी के खिताब की पक्की हकदार*

*बखूबी वाकिफ हैं आप इस सच्चाई से,
जिम्मेदारी संग मिलते हैं अधिकार*

*हर जिम्मेदारी निभाई पूरी शिद्दत से,काबिल ए तारीफ है आपका मनोविज्ञान आपका संयम आपके शिक्षा और संस्कार*

*आगामी पीढ़ियों के लिए उदहारण हैं आप,आपके कदमों के निशान उनके व्यक्तित्व में ला सकते हैं निखार*
*सब कुछ होते हुए भी कभी नहीं देखा आप में क्रोध,ईर्ष्या और अहंकार*

और परिचय क्या दूं आपका???
*दो लफ्जों में कहना हो तो 
मीठी बोली,मधुर व्यवहार*

*साड़ी के परिधान में 
खूब जमता है व्यक्तित्व दमदार*
*100 बसंत आप देखना, 
दुआओं से महकता रहे आपका संसार*
*धन्य भाग थे रोहिला परिवार के,
जो रावल परिवार से जुड़े संबंधों के तार*
*अति अहम भूमिका है आंटी आपकी,
हो अनंत बधाई की हकदार*

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