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सिद्धि बताती है(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

सिद्धि बताती है संकल्प कितना गहरा था

प्रयास बताते हैं प्रतिबद्धता कितनी दृढ़ थी

सफलता बताती है प्रयास कितनी शिद्दत से किए गए होंगे

प्रतिबद्धता बताती है परिकल्पना का चयन कितना सटीक था

बरकत बताती है नीयत कितनी नेकर थी

लोकप्रियता बताती है कथनी और करनी कितनी एकाकार थी

हकीकत बताती है ख्वाब कितने प्यारे थे

संघर्ष बताता है चुनौतियों का सामना कैसे किया होगा

साहस बताता है उदासियों को कैसे मुस्कान तले दबाया होगा

नजरिया बताता है जिंदगी के किसी भी पहलू को किस नजर से देखा होगा

किताब का मुख्य पृष्ठ बताता है किताब कैसी होगी

विनम्रता बताती है सहजता का दामन कभी ना छोड़ा होगा

सरलता बताती है चित की चौखट पर अहंकार को दस्तक ना देने दी होगी

आचरण बताता है संस्कार कैसे रहे होंगे

उच्चारण बताता  है परिवेश को अपनी शख्शियत में कैसे समाहित किया होगा,सोच कर बोला होगा,
कानों में शहद सा घोला होगा

किसी भी क्रिया के प्रति प्रतिक्रिया बताती है परवरिश कैसी रही होगी

अभाव का प्रभाव बताता है व्यवहार कितना मधुर रहा होगा

स्मृतियां बताती हैं दिलोदिमाग में कैसे बसेरा किया होगा

सबसे जुड़ाव बताता है चित में करुणा सिंधु का प्रवाह कितना प्रबल होगा

 सौहार्द,संयम, स्नेह बताता है
रिश्तों और मित्रों में कितना संतुलन किया होगा, हर नाते ही हर कोंपल को प्रेम से सिंचित कर मजबूत सा दरख्त बनाया होगा,अनुराग की खाद,मधुर बोली के पानी और परवाह की धूप लगाई होगी 


आभामंडल बताता है संवेदना से कितना गहरा नाता रहा होगा

भगति बताती है आंतरिक शक्ति कैसी रही होगी

प्रेम बताता है व्यक्तित्व में कितनी कशिश होगी

**तूं तो हर पैमाने पर 
खरी उतरी मां जाई
ऐसे बसी है आज भी जेहन में,
जैसे तन संग होती परछाई**


Comments

  1. बहुत ही सुन्दर पढ़ कर मन खुश हो गया 🌹❤️

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