तेरे जाने से मेरे जाने तक ये लेखनी यूं हीं चलती जाएगी
जाने कितने ही अनकहे एहसासों को भावों का परिधान पहनाएगी
किसी के ऊपर से जाएंगी बातें
किसी के चित में घर कर जाएंगी
अतीत के ऊपर जमी वक्त की चादर को हौले हौले उठाएंगी
वर्तमान बताएगा भविष्य को लेखनी के जरिए तेरे बारे में,
कहानियां तेरी उदहारण बन जाएंगी
हानि धरा की लाभ गगन का
सबको सच ये बताएंगी
Comments
Post a Comment