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आ ही गई विदाई की बेला

सु__विचार पनपते हैं चित में आपके,
 पथ प्रदर्शक का सदा करते हो काम

दर्द उधारे लेना जानों,
संघर्षों को नहीं मिला कभी विराम
चुनौतियों से बिखरे नहीं,
 सदा ही निखरे आप
 रहे कर्म ही तीर्थ कर्म ही धाम

ख__नकते हो स्वर्ण सिक्कों की मानिंद
बहुत खास हो,नहीं हो आम
सरगर्म कार्यकर्ता के रूप में लोगों के लिए लड़े ताउम्र
भोर दोपहर या हो फिर शाम

वि__जेता हो सच्चे *जीवन समर* के
पुरुषार्थ,परमार्थ है आपके नाम
फर्श से अर्श तक के सफर में फौलादी हौंसले आए काम

न्__ याय प्रिय,कर्मठ,दूजो के दर्द उधारे लेने के आपके जज्बे को तहे दिल से सलाम

रंग भर दिए लोगों के जीवन में,
अपंग नहीं सामर्थ्य विकसित कर बना दिया उन्हें शक्तिमान
रहे तत्पर सहायता हेतु सबकी,
 जैसे राम के लिए हनुमान
संकल्प को सिद्धि का सदा ही दिखाया आईना आपने,
ऊंचा रखा आत्मसम्मान


द__वा हो आप हर मर्ज की,
विनम्र,सशक्त,ज्ञानी सच गुणों की खान
जेल जाने से भी गुरेज नहीं किया आपने,
धन्य माटी पंजाब की,
जो मिला आप सरीखा पुत्र महान

र__हमत है ईश्वर की,जो सद्गुणों के रंग से रंग दिया आपने मानवता को,
ऐसे रंगरेज की बनी रहे आन बान और शान

सिं__ह सी शक्ति और तेज आपका,
 सच में धरा पर ईश्वर का वरदान
मन प्रसन्न भी है,आंख नम भी है
आपके जाने से व्यक्तिगत क्षति का हो रहा अनुमान

परेशानियां घटाई,खुशियां बढ़ाई,दुख दर्द बांटे लोगों के,
ऐसे गणितज्ञ हो आप अनोखे,
ऐसा आपकी सोच का अद्भुत विज्ञान

ह__म सौभाग्यशाली हैं जो मिले हमें बड़े वीर जी आपसे,
आपके होने से सच में बन गए हम धनवान
आप स्वस्थ रहें,खुश रहें
हम फूल चमन के आप हमारे बागबान

हो बात जो आपके जाने की,
ये आंख नम तो होनी थी
भाई हो जब इतना प्यारा
बहना की सूरत रोनी थी


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