मजबूत हौंसला,बुलंद इरादे,
आज की महिला की यही पहचान
दिल पर दस्तक,दिमाग में बसेरा
चित में इसके पक्के निशान
महिला ही तो देती है जन्म सृष्टि को
सच में ईश्वर का धरा पर है वरदान
अपनी जान पर खेल हमें जगत में
लाने वाली के लिए बहुत छोटा है शब्द महान
जीवन की डगर आसान नहीं किसी भी महिला की,
संकल्प से सिद्धि तक के सफर में
कितने ही आते हैं व्यवधान
पर वो रुकती नहीं है,चलती रहती है
बेशक जानती नहीं परिणाम
अपने ही पर्याय को उतार
धरा पर बेफिक्र सा हो गया भगवान
खास नहीं अति खास मूढ में रहा होगा विधाता,
जब नारी का किया होगा निर्माण
आज कोई भी क्षेत्र नहीं अछूता नारी शक्ति से,
हर क्षेत्र में नारी ने बना ली है पहचान
दिल दिमाग में सामंजस्य बिठाना आता है नारी को,
सदा ऋणी रहेगा नारी का ये जहान
कितनी अच्छी कृति लिखी है यह कृति साझा करती हैं नारी की पूर्ण परिभाषा.....
ReplyDeleteकितनी छुपी होती हैं नारी के चित में अभिलाषा....
भगवान ने इन्हे बेहद खूबसूरत गुणों से है तराशा...
आज के समाज को हैं इनसे बहुत ही आशा....
कि लहराये महिला परचम सफलता का हमेशा....
महिला ही तो देती है जन्म सृष्टि को
सच में ईश्वर का धरा पर है वरदान..
अपनी जान पर खेल हमें जगत में
लाने वाली के लिए बहुत छोटा है शब्द महान
जीवन की डगर आसान नहीं किसी भी महिला की,
संकल्प से सिद्धि तक के सफर में
कितने ही आते हैं व्यवधान..
बहुत ही सुन्दर पंक्तियां...
मैं तो करती हुं ईश्वर से प्रार्थना कि स्नेह मेम की कृति लिखने की कीर्ति का हमेशा यूं ही करें उत्थान...
अदभुत कृतियां लिखने का इन्हे तो भगवान से मिला हैं वरदान ...
अति उत्तम
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