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सबसे ऊंचा मात पिता का दर्जा

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  2. अदभुत कृति एक एक पंक्ति जीवन की सच्चाई को साझा करती हैं माता पिता जैसा जीवन में कोई ना दूजा नाता मुझे तो इतना है बस समझ आता....
    जीवन में अन्य रिश्तों के साथ होता है बस समझौता लेकिन माता पिता के साथ रिश्ता होता है अनोखा....

    माता पिता गुण अवगुण खूबी और खामिया संग करते है बच्चे को स्वीकार करते है बेइंतहा प्यार भला इनसे बड़ा जीवन में कौन होगा भगवान...

    बहुत ही सुन्दर पंक्ति लिखी माता पिता के जाने के बाद जिम्मेदारी तो सो जाती हैं अधिकार हो जाते है जागृत

    बच्चों के संसार में माता पिता खो से जाते जरा सोचिए क्यू?
    क्यूंकि बच्चे संसार की चमक धमक छोटे मोटे कांच के टुकड़ों में संसार के सच्चे कोहिनूर की परख को खो देते हैं लेकिन होता है उम्र के साथ होता है बच्चे को भान कि जीवन में माता पिता जैसा ना कोई महान इन्ही से होती है बच्चे की पहचान

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