उपहार नहीं होता कभी मात्र उपहार
उपहार प्रेम,परवाह,अपनत्व का है सार
याद आती है मुझे वो हाथ की बनी
क्रीम सी स्वेटर जो तुझे दिल से भाई थी
मैने कहा ये तो यूं हीं है तूने कहा हो गई खास तूने ही तो बनाई थी
क्या भूलूं क्या याद करूं????!?
चित में तेरे था प्यार ही प्यार
काबिल ए तारीफ रही हमेशा
तेरी मधुर बोली और मधुर व्यवहार
बहुत ही सुन्दर रचना उपहार के सभी अमूल्य भावो को साझा करती हैं होता है हर पंक्ति में स्पष्ट दीदार कितना होगा इस स्वेटर में प्यार और दुलार रचना करती हैं इसका पूरा इजहार
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