परवाह,प्रेम,भरोसा,सुरक्षा,शक्ति स्तम्भ और प्रेरणा पुंज हैं पर्याय पिता के,
यही पिता की सच्ची परिभाषा
स्पोर्ट सिस्टम,स्ट्रेंथ,सिक्योरिटी है पिता
यथासंभव पूरी करता है हमारी हर अभिलाषा
कभी रुकता नहीं,कभी थकता नहीं,
चुनौतियों से मानी ना हार कभी,
लाया ना जीवन में कभी निराशा
ताने और कटाक्ष नहीं,
देता है हमें पिता सदा हिदायतें, भरता है जीवन में आशा
सुखद वर्तमान,उज्जवल भविष्य रहे सदा हमारा,
शांत कर देता है हमारी हर जिज्ञासा
पिता है तो मावस में भी पूनम से उजियारे की रहती है आशा
अपनी जरूरतों को कम करके हमारे शौक पूरे करने की पिता की सदा रहती है अभिलाषा
इजहार भले ही नही करना आता पिता को,पर चित में बहता है सागर स्नेह का,पिता जीवन की सबसे बड़ी आशा
संवाद और संबोधन कभी कम ना करना पिता से,
पिता प्रेम की सबसे सुंदर परिभाषा
बहुत ही खूब लिखा..... पिता से अधिक कौन होगा प्यार....
ReplyDeleteसंसार में पिता और बच्चे का नाता होता है सबसे न्यारा.....
जैसे पिता जीवन के हर पल में बनता है बच्चों का सहारा वैसे ही वृद्धअवस्था में बच्चो को भी बनाना चाहिए पिता का सहारा कभी ना करना चाहिए हमे इनसे किनारा...
Happy father's day 😊