जन्मदिन पर जन्म देने वाली याद आ ही जाती है,
अपनी जाने कितनी इच्छाएं दबा कर,हमारी हर खुशी को कर अप पूरा,मुस्कान हमारे लबों पर लाती है,
और कोई नही मेरे दोस्तों,वही तो माँ कहलाती है,
हमारी कितनी ही कमियों को कर नज़रंदाज़
हमे अपने चित्त में बसाती है,
समय बेशक बीता जाए,पर वो याद आ ही जाती है,
और अधिक कुछ नही कहना, बस उसके न होने से सहजता जीवन से दामन चुराती है।।
ईश्वर का पर्याय है माँ,अपनी जान पर खेल कर हमें जग में लाती है।।
मां के ट्रेन से धड़धड़ाते व्यक्तित्व के आगे थरथराते पुल सा अस्तित्व होता है बच्चे का,
पर मां बच्चे संग बच्चा बन जाती है
उसकी हर ख्वाइश पूरा करने में अपनी जान लगाती है
तूं तो मां का प्रिय रहा भाई,
आज तेरे जन्मदिन पर मुझे तो वो याद आती है
सब सब पीछे हट जाते हैं
मां बढ़ कर आगे आ जाती है
कुछ कर गुजरने की शक्ति
मां से बहुत कुछ करवाती है
तूं खुश रहे तूं स्वस्थ रहे
तेरी मां जाई ये दोहराती है
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