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सुधार(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा)

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  1. क्या खूब लिखा है समाज के एक एक पक्ष को कविता के माध्यम से बहुत सुंदर ढंग से उकेरा.... शिक्षा जरूरी है लेकिन उससे भी जरूरी है संस्कार करता है जीवन की हर डगर को पार हो अगर विद्या संग संसार तो है फिर हर सागर पार इसे जहन मे लो उतार..

    बहुत ही सुन्दर पंक्तियां लिखी सबसे जरूरी है कृषि सुधार अन्नदाता ही तरसे अन्न को ऐसी व्यवस्था पर है
    धिक्कार ऐसी व्यवस्था हमे तो भाई नही है स्वीकार ... भला क्यों न सुने कोई इनकी पुकार ये करते हैं मेहनत दिन रात इन्हे भी तो मिले कोई पुरुष्कार ...

    देश की बेटी को मिले उचित शिक्षा सम्मान वो भी है इन सबकी पूरी हकदार बेटी की तरक्की के लिए लगे समाज में हर गुहार हो उसका का चहुमुखी विकास तभी पूर्ण है ये संसार

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