कभी कभी कुछ बड़ा गहरा सा ,
लिखने का मन करता है....
कुछ ऐसे शब्द जो बता सकें,
कि मन कितना ऊब चुका है
ज़िंदगी के मेलों से,
लोगो के खेलों से,
खुद के ही बदलते भावों से,
अनदेखी अनसुलझी राहों से,
कुछ ऐसे शब्द जो बता सकें,
कितनी बेसब्री मची है
सबसे अजनबी हो जाने की....
कितनी बेबसी छिपी है
किसी खास अपने के जाने की
कभी कभी मन करता है साहिल पर ना बैठी रहूं सागर की तलहटी के तले से ऐसे शब्द खोज लाऊं जो भाव लिख सकें
कुछ ऐसे शब्द जो बोल जाये
वह सब जो भीतर चल रहा है,
कुछ ऐसे शब्द जो बचा ले,
मुझे जीवन भर की उल्झनों से..
कुछ ऐसे शब्द जो शांत कर सकें
भीतर के कोलाहल को
कुछ ऐसे शब्द जो मन के बंजर रेगिस्तान को हरा हरा सा बना दें
कुछ ऐसे शब्द जो घने अंधेरे में जुगुनू से जगमगा जाएं
कुछ ऐसे शब्द जो हर मूर्छित चित पर संजीवनी बूटी सा काम करें
कुछ ऐसे शब्द जो कहे कि.
किसी की ज़रुरत नही है अब..
कुछ ऐसे शब्द जो
बताये व्यक्तित्व मेरा,
जताए हाले-दिल मेरा
मेरी अच्छाई, मेरी बुराई
और कह जाए वो सब
जो अब तक रह गया अनकहा....
कभी कभी लगता है जीवन तो
मृग तृष्णा सा है लगता है यह पा कर खुशी मिलेगी पर ऐसा होता नहीं
अप्राप्य जब प्राप्य बन जाता है फिर उसकी महता गौण हो जाती है
*खुशी नहीं मिलती बाहर से
खुशी है भीतर का अहसास
कोई तो कुटिया में भी खुश है
किसी को महल भी नहीं आते रास*
कभी कभी मौन भी जब करने लगता है संवाद तब शब्द गले में गोला सा बन कर अटक जाते हैं
खामोशी कोलाहल करने लगती है
एक चबका और एक चीस जैसे अस्तित्व का हिस्सा बन जाते हैं
सफर है जिंदगी सब पूरा किए जाते हैं
इस सफर में जब बहुत ही अजीज किसी लम्हे की तरह हाथ से फिसल जाते हैं तो अहसास और गहरा जाते हैं
कभी कभी जब धड़कन धड़कन संग बतियाती है
फिर हर शब्दावली अर्थ हीन हो जाती है
फिर मौन मुखर हो जाता है
ये दिल का दिल से गहरा नाता है
बेशक लब कुछ ना बोलें
अनकहा भी समझ में आ जाता है
ऐसे मोड़ पर कोई भी नाता वास्तव में समझ में आता है
कभी कभी जरूरी नहीं प्रेम का इजहार शब्दों के बस की बात हो
कभी कभी जब बिन किसी बात के
दिल हुम हुम करे,कारण भले ही समझ में ना आए पर कोई शिद्दत से याद आ रहा होता है
कभी कभी जब हम महसूस तो करते हों पर संवाद कायम ना रख पाते हों
तो घने घने बादलों के पीछे छिपा चंदा नजर नहीं आता
पर कभी कभी जब दिल की बात कह पाएं तो बारिश के बाद अचानक चमकते भानु से सर्वत्र उजियारा हो जाता है
सच कभी कभी..…...........
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