*कह सकें हम जिनसे बात दिल की,वही मित्र हैं"
*रिजेक्ट नहीं जो करेक्ट करने में विश्वाश रखते हैं, वही मित्र हैं*
*खामोशी की जो समझ लें जुबान,
वही मित्र हैं*
*हमारी मुस्कान के पीछे छिपी उदासी जो देख लें,वही मित्र हैं*
*जीवन की किसी भी चक्रव्यूह से जो हमे बाहर ले आएं,वही मित्र हैं*
जीवन में जो रस घोल दे
सत्य को जो मुख पर बोल दे
अधरों पर जो ला दे मुस्कान
सच में होते मित्र हमारी जान
जो जीने का अंदाज सिखा दें
सूने जीवन में संगीत का साज बजा दें,वही मित्र हैं
*तपते मरूधर में जो बन जाएं हरियाली,वही मित्र हैं*
*मावस को भी जो बना दें पूनम
वही मित्र हैं*
*हर धूप छांव में जो संग खड़े हों,
वही मित्र हैं*
*जिनके संग वक्त गुजरने का पता ही नहीं चलता,वही मित्र हैं*
*जीवन के पतझड़ को जो बसंत बनाने का विश्वाश दिला दें,वही मित्र हैं*
*जिजीविषा,ऊर्जा,उल्लास का जिनके संग होने लगता संचार हैं,वही मित्र हैं*
*आहत मन पर जो बन जाते हैं राहत वही मित्र हैं*
हर वो लम्हा बन जाता है होली दिवाली
जब मित्र आपस में मिलते हैं
ऐसा लगता है जैसे मरूधर में
स्नेह सुमन खिलते हैं
मित्र के इत्र से महकता है चरित्र मित्र का,अच्छे मित्रों से मीत भले कहां मिलते हैं????
खुशियां दुनी गम आधे रह जाते हैं संग जिनके,वही मित्र हैं
मित्र बहुत अनमोल हैं
हर लेते मन की पीर
शब्द और लहजे अति निर्मल उनके
नयनों में नहीं आने देते हैं नीर
ना जाति ना मजहब ना उम्र ना स्टेटस कभी सच्ची दोस्ती में आड़े नहीं आते
दिल से दिल का मिलन है दोस्ती,
खिल जाता है प्रेम चमन,जब मित्र से मित्र मिल जाते
जगह से दूर हो कर भी,जो दिल के करीब होते हैं वही मित्र हैं
संवाद और संबोधन दोनों ही मधुर हों संग जिनके,वही मित्र हैं
राघव मित्र वानर सुग्रीव थे तो
माधव मित्र थे निर्धन सुदामा
कोई शर्त होती नहीं दोस्ती में
जान चुका है सारा ज़माना
खून के नाते हम चुनते नहीं
मित्रों का सदा चयन होता है
अपने जैसे ही मित्र हम चुनते है
मित्र हमारा स्पोर्ट सिस्टम होता है
मित्र ही है ऑक्सीजन मित्र ही है लाइफलाइन हमारी
मित्र से बेहतर कोई वैक्सीन नहीं
सत्य जाने कायनात ये सारी
मित्रता दिवस पर बहुत ही सुन्दर कृति आहत मन को राहत दे वही मित्र हैं
ReplyDeleteमन का धनी चरित्र का धनी
मित्र जीवन की संजीवनी
बिन मित्र अधूरी है ये जिंदगी
मित्र ही करता है खुशहाल जिंदगी
मरुधर में हरी हरियाली है मित्र
जीवन की सबसे अच्छी कहानी है मित्र