माँ
वो उलझे रहते हैं अपनी ही दुनिया में,
माँ को एक वस्तु बनाते हैं।
आजीवन माँ करती है बच्चों का,
बच्चे चन्द दिनों में भी घबरा जाते हैं।।
माँ का होना ही होता है,
एक सबसे सुखद मीठा सा अहसास।
एक दिन ऐसा भी आता है,
माँ नही रहतीजब हमारे पास।।
जब नही रहती माँ इस जग में,
तब क्यों वे झूठे आंसू बहाते हैं????
जीते जी तो समय और प्यार नही देते उसको,
तीये की बैठक में बैठ जग को जाने क्या दिखाते हैं???
आजीवन करती है माँ बच्चों का
बच्चे चन्द दिनों में ही घबरा जाते है।
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