For sneh dhawan she left Chirawa today
हो बात तुम्हारे जाने की
तो आंख सजल तो होनी थी,
मां जैसा साया छिन जाये ये बिटिया तो फिर रोनी थी।
कितना कुछ अब खो जायेगा, दफ्तर सूना हो जायेगा,
न हम दौडे आयेंगे न तेरा बुलावा आयेगा।
कितनी राह बतायी तुमने,
जीने की कला सिखायी तुमने,
तुम्हारा नहीं कोई सानी है,
तुम्हारी याद तो आनी है।
कितनी खुशियां है दी तुमने
और कितने गम यूं बांटे हैं
इसमें कुछ भी झूठ नहीं
हम सच सच ही बतलाते हैं।
बेशक तुम हमे भुला दो कभी
पर हम तो न भुला अब पायेंगे,
ममता भरे तुम्हारे हाथ
सदा ही सिर पर चाहेंगे।
सदा सिर पर तुम्हारे हाथ रहेगा
रिश्ता ये दिल का दिल से खास रहेगा
तुम रहोगी सदा ही जेहन में मेरे
सत्य ये मेरा दिल तुमसे कहेगा
माना खून का नाता तो
नहीं है तुझ से,
पर दिल का दिल से नाता सदा ही महकेगा
कुछ लोग जेहन में
ऐसे बस जाते हैं
जैसे सावन भादों
आने पर तन मन भीग जाते है
जैसे घर में घुसते ही बच्चे
मां को आवाज लगाते हैं
जैसे गली में गुब्बारे वाले को देख बच्चों के मन मचल जाते हैं
जैसे कुछ खास अपने जब बिन बताए घर की चौखट खटखटाते हैं
उनमें नाम तेरा आता है बहुत ही ऊपर
मेरे अहसास तेरे लिए ये सत्य बताते हैं
यूं हीं नहीं जिंदगी के सफर में किसी मोड़ पर कुछ लोग तुझ से मिल जाते हैं
होता है कोई नाता पिछले जन्म में
इस जन्म में स्नेह मोहर लगाते हैं
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