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Showing posts from October, 2024

राम से मर्यादा पुरूषोतम राम

राम राम जय राज राम

राम राम करने से क्या तुम

चित होगा गर बजरंगी सा

पर्व है

इस बार

आज ही के दिन

उजास

खुशी

ओ पुरोधा तूं कर्म की

आ कर वही जलाए रावण

जरा झांकना

यही दिवाली है(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

Poem on diwaali ((इस बार दिवाली में स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

शीर्षक _इस बार दिवाली में *झाड़ना ही है तो घर संग मन की भी  गर्द झाड़ लो इस बार दिवाली में *रंगना ही है तो रंग लो मन प्रेम से,  ऐसा कोई रंगरेज बुला लो इस बार दिवाली में*  *जलाना ही है तो जला लो  दीया ज्ञान का,  ले आओ ऐसे ज्ञान दीये इस बार दिवाली में* *शमन करना ही है तो करो विकारों का  लोभ,मोह,काम,क्रोध,ईर्ष्या,अहंकार का   इस बार दिवाली में*  भला करना ही है तो करो कुम्हार का,  खरीद माटी के दीये उससे जो लाए उजियारे उसकी अंधेरी झोपड़ी में भी,  इस बार दिवाली में जमी है बर्फ जो किसी रिश्ते पर मुद्दत से, पिंघला दो स्नेह सानिध्य से इस बार दिवाली में जाले उतारने ही हैं तो तो उतार दो पूर्वाग्रहों,  नफरतों, भेदभाव के इस बार दिवाली में  धोनी ही है तो धो डालो समस्त बुराइयां चित से,  हो जाए मन उजला,निर्मल, पावन इस बार दिवाली में  विचरण करना ही है तो करो मन के गलियारों में, जहां गए नहीं बरसों से, करो मुलाकात खुद की खुद से इस बार दिवाली में  देना ही है तो दो यथा संभव दान  जरूरतमंदों को इस बार दिवाली में  द...

समझो

समझो दिवाली आ गई

एक नहीं अनेक लाभ हैं आनंदा के(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

*एक नहीं अनेक लाभ हैं आनंदा के* आनंद ही आनंद है आनंदा एप में, हो अधिकाधिक इसका प्रचार प्रसार कम लागत और बचत समय की त्वरित त्रुटिरहित सेवा का ग्राहक हकदार शिक्षित,प्रशिक्षित और प्रेरित हों अभिकर्ता  आनंदा से कर बीमा निभाएं अपना सही किरदार गुणवत्ता बढ़े,परेशानी घटे और समय बचे संतुष्ट ग्राहक का विश्वाश रहता है कायम हर बार एक संतुष्ट ग्राहक जोड़ सकता है अनेक और ग्राहक, इस कथन का सत्य होता आधार आनंद ही आनंद है आनंदा एप में, हो अधिकाधिक इसका प्रचार प्रसार एक नहीं अनेक लाभ हैं आनंदा एप के , जानना है सबका अधिकार किसी भी वित्तीय संस्थान का ग्राहक संतुष्टि ही होता है आधार आनंदा एप से जब होता है बीमा त्वरित सेवा से भरोसा रहता है बरकरार विश्वास ना टूटे, साथ ना छूटे निगम से,इस दिशा में यह  सार्थक प्रयास  और है एक सकारात्मक सुधार टेक्नोलॉजी का बेहतरीन प्रयोग और परिणाम है आनंदा,  कर के देखो जरा एतबार कोई दुविधा नहीं,बस है यह उत्तम सुविधा,खर्चे कम,समय की बचत इसका आधार 3500 रुपए बचते हैं एक पॉलिसी आनंदा एप से करने में, निगम के हित में है कारगार पेपरलेस काम होता है इससे, द...

चिंता नहीं चिंतन है ज़रूरी

ना मिले थे कभी

ओ मेरी परछाई

मेरे दिल की तूं धड़कन

आसान नहीं था होना राम

तूं मेरी जिंदगी है

कभी कभी

त्रिवेणी

बिन प्रेम सब सून

बिन प्रेम सब सूना है जग में,प्रेम ही है हर रिश्ते का सार,जिसने पढ़ ली प्रेम की पाती, समझो अपना जीवन लिया संवार,प्रेम संवेदना के पिता है,और संवेदना का ममता से है माता का नाता,संवेदनशील होना है बहुत ज़रूरी,इंसान क्यों सब ये है भूलता जाता,नियत समय के लिए ही तो हम सब को किरदार अपना अपना निभाना है,क्यों न निभाएं इसको सही तरह से,इस जग को छोड़ कर जाना है,ज़रा सोचिए

रतन टाटा

जितना गहरे जाओ लेखन सागर में

रतन टाटा है उनका नाम

poem on Ratan Tata

विश्वाश को ज्योत कभी बुझे ना

विशवास की ज्योत कभी बुझे ना, दोनो हाथों से निगम सदा देता है सहारा। सुख हो चाहे दुख की बदली सुख दुख दोनो को ही निगम ने स्वीकारा। सच्चा साथी है ये,मात्र नही है ये एक वितीय संस्थान। भावनाओं से जुड़ा है ये लोगों की,है एक अलग इसकी पहचान। ज्यूँ पर दीवाली का होता है सबका यूँ ही निगम भी सब का सच्चा है हितैषी। चाहे किसी गली,किसी कूचे किसी प्रान्त के हो भारतवासी

पर्व है पुरुषार्थ का

u r in every memory(( thought by Suman premchand))

Though you no longer walk beside me physically, I see you in every memory. I feel you in every heartbeat. I hear you in every song. I know you in every Though you no longer walk beside me physically, I see you in every memory. I feel you in every heartbeat. I hear you in every song. I know you in every thought. I laugh with you in every joy. I cry with you in every sorrow. For though you no longer walk beside me, You have never truly left me, For I feel your presence with me every step of the way And you have never truly gone!" I remember your heartfelt singing which always pierced my soul … one song always brought tears in my eyes .. तू नहीं तो ज़िंदगी में ओर क्या रह जाएगा…. दूर तक तन्हाईयों का क़ाफ़िला रह जाएगा …  I didn’t know it will be truth but somehow my heart knew this .. and here is this vaccum …. I laugh with you in every joy. I cry with you in every sorrow. For though you no longer walk beside me, You have never truly left me, For I feel your presence with m...

सात रंग इंद्र धनुष के

इंद्रधनुष के सात रंग है माँ रंगोली के सुंदर रंग है माँ तरुवर की शीतल छैया है माँ हलधर का इकलौता हल है माँ बरखा की बूंदें है माँ सूरज की किरणें  है माँ चाँद की शीतलता है माँ तारों की चमक है माँ मुरलीधर की मुरली है माँ आठ सिद्धि नौ निधि है माँ दिल की धडकन है माँ संगीत की सरगम है माँ आँख का नूर है माँ किताब के हर्फ़ है माँ कूलर का पानी है माँ फ्रीज़ की बर्फ है माँ कृष्ण की गीता है माँ रामायण की सीता है माँ प्रकृति की हरियाली है माँ जीवन मे सबसे निराली है माँ पंछी के पंख है माँ मन्दिर का शंख है माँ गिरिजाघर की बाइबल है माँ मस्जिद की कुरान है माँ गुरुद्वारे का ग्रंथ है माँ मन्दिर का पुजारी है माँ माला का मोती है माँ दीप की ज्योति है माँ चमन का सुमन है माँ महफ़िल की रौनक है माँ सहजता का पर्याय है माँ सबसे सुंदर राय है माँ

नजर से नहीं नजरिए से देखो(( विचार स्नेह प्रेमचन्द द्वारा))

हजार शब्दों से अधिक कहता है एक चित्र(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

कला खास बनाती है कलाकार को(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

कहां नहीं हो तुम टाटा

POEM ON RATAN TATA (कोई आप से सीखे) विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा

संकल्प को सिद्धि से  मिलाना *कोई आप से सीखे* सपने वे होते हैं जो हमें सोने नहीं देते इस कथन को चरितार्थ करना  *कोई आप से सीखे* क्या होती है विनम्रता,सादगी,प्रतिबद्धता और कर्मठता, *कोई आप से सीखे* कैसे करते हैं दान, *कोई आप से सीखे* सोच का विस्तार कर, कर्म की गंगा  बहा कर सुपरिणाम लाना  *कोई आप से सीखे* एक जिंदगी पर उपलब्धियां अनेक *कोई आप से सीखे* नमक से जहाज बनाना  *कोई आप से सीखे* उतार चढ़ाव से बिखरना नहीं निखारना है *कोई आप से सीखे* कौन कब क्या क्यों कैसे कितना कर रहा है के स्थान पर मैं क्या कर रहा हूं *कोई आप से सीखे* क्या होती है दूरदर्शिता  *कोई आप से सीखे* शिक्षा के भाल पर संस्कार लगाना *कोई आप से सीखे* कर्म ही असली परिचय पत्र होते हैं व्यक्ति का *कोई आप से सीखे* जग से जा कर भी जेहन में अमर हो जाना *कोई आप से सीखे* मानवता क्या होती है , *सब आप से सीखें* बेजुबान जानवरों से प्रेम करना *कोई आप से सीखे* क्या होता है परमार्थ  *कोई आप से सीखे* दान में कर्ण सा, कर्मठता में माधव सा, प्रतिबद्धता में राघव सा होना,  *सब आप से सीखें* आप पर तो कोई शोध क...

मात पिता का इंतजार कभी खत्म नहीं होता

The fate of parents is to wait for their children. They wait during pregnancy, they wait after school, they wait for them to return home after a night out. They wait as their children start their own lives. They wait for them to come home from work to a warm dinner. They wait with love, with anxiety, and sometimes with fleeting anger that dissipates as soon as they see their children and can embrace them. Make sure your elderly parents don't have to wait any longer. Visit them, love them, hug the ones who loved you like no one else ever will. Don't keep them waiting; they're expecting this from you. Because bodies age, but the hearts of parents never grow old. Love them as much as you can. No one will love you like your parents do.