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जन्मदिन पर वे याद आए(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

*जन्मदिन पर जन्म देने वाले मात पिता याद ना आएं,ये हो नहीं सकता
उनसे अधिक हमारा कोई और हितैषी हो,ये भी हो नहीं सकता*

शत शत नमन और वंदन उन्हें जो हमें इस जग में लाए।
अगणित एहसासों और अनुभूतियों से परिचय करवाए।।

शुक्रगुजार हूं मैं आपकी,
दिया जो अक्षर ज्ञान आपने,
लेखनी से मेरे भाव निकल कर आए।।

मैने भगवान को नहीं देखा,
पर जब जब देखा आपको,
बड़े ही शीतल लगे आप के साए।।
आज जन्मदिन पर फिर मुझे,आप दोनो दिल से याद आए।।

ठंडक रहे आप तपते मरुधर में,
जैसे कोई बच्चा खिलौना देख मुस्काए
पापा का तो नाम भी लिया काम भी लिया,वक्त संग स्पष्ट हुए धुंधले साए
मां तो बसती है नस नस में ऐसे
जैसे माधव मुरली से कोई तान सुनाए
शिक्षा संग दे गई संस्कार मां मुझे
मां की कर्मठता के आगे चित नतमस्तक हो जाए
आज जन्मदिन पर जन्म देने वाले मात पिता मुझे दिल की गहराइयों से याद आए
शत शत नमन और वंदन मेरे मात तात को, जीने के रास्ते उन्होंने ही तो मुझे सिखाए
आज 55 बरस की हुई हूं मैं,
जिंदगी ने अनेक अनुभव कमाए
मां तो जाने अनजाने में हमें जाने क्या क्या सिखा गई
किसी भी परेशानी को आने ना दिया माथे की पेशानी पर,
सहजता की घुट्टी पिला गई
कर्म से कैसे बदल सकते हैं भाग्य
मां सच में कर के दिखा गई
उपलब्ध सीमित संसाधनों में भी
बेहतर नहीं बेहतरीन कर के दिखा गई
मां तो स्नेह की अखंड ज्योत से
अंतर्मन को जगमगा गई
आने वाली पीढ़ियां शायद ही कर पाएं यकीन
इसलिए मेरी लेखनी सब कुछ मां के बारे में बता गई
शुक्रिया मां मुझे जीवन देने का
शुक्रिया मां मुझे जीवन जीने की कला सिखाने का
शुक्रिया मां मुझे भोजन बनाना सिखाने  का
शुक्रिया मां मेरे भीतर भी मां होने के बीज पल्लवित करने का
शुक्रिया मां मुझे अपनी बेटी बनाने का
शब्द कम पद जाते हैं जब अपनी मां का करने लगती हूं बखान
मां गगन सी ऊंची,सागर सी गहरी,
धरा सी सहनशील सच मेरी मां थी कितनी महान
आज मेरे जन्मदिन पर मां याद मुझे तूं बहुत ही आई
जीवन में ऐसी बन कर रही,जैसे शादी में बजती हो शहनाई
जन्मदिन के सच्चे मायने सार्थक हो जाते हैं
जब हम मात पिता के अथक प्रयासों को एकनॉलेज कर पाते हैं

Comments

  1. क्या खूब लिखा है मैम आज जन्मदिन के इस शुभ अवसर पर 55 बरस के अनुभवों की गहराई इतनी सुंदर ढंग से हर बात कविता में समाई ऐसा कौनसा रोज है जिस दिन आपको मां याद न आई मां और मां जाई है आपकी रूह में समाई इनका अपार प्यार है आपके जीवन के सबसे बड़ी कमाई...
    आज ही के दिन करुणा उच्च विचार मेहनत ने की थी आपके हृदय से सगाई... हर विशेषता आपके व्यक्तित्व में है समाई आज ही के दिन ईश्वर के घर से अप्सरा थी आई जिसके हृदय
    में मात पिता की हर बात है समाई
    हर पंक्ति में छुपी है गहराई इतनी अच्छी अच्छी बातें आज आपके लबों पर आई हौले हौले बीत जाता है जीवन यही है जिन्दगी की सच्चाई हैप्पी बर्थडे मेम

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