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ONE DAY(( thought by Suman premchand))

One day, Mom won’t call your name anymore.

One day, you’ll long for just one more moment, one more chance to sit beside her.

One day, she won’t gently scold you or laugh at your jokes.

One day, her advice—once so familiar—will become an echo in your heart.

One day, you’ll walk into her home, the one that always smelled of love and freshly brewed coffee or tea and it will feel unbearably empty.

One day, her laughter will no longer fill the air, and her voice will become a memory you’ll replay in your mind.

Time slips away like sand through your fingers, unstoppable and unyielding.
And on that day, the ache of her absence will remind you of how irreplaceable she was.

So hold her close while you still can. Love her deeply, fully, and without hesitation.
Never take anyone for granted in life.Cherish as much as you can

सच में हमारे अस्तित्व से मा के वजूद की ताउम्र नहीं जाती महकार

उसके होने से सब सहज  सामान्य सा लगता है उसके जाने के बाद
गहन सा हो जाता है एक अंधकार

रूठते भी तो हम मां के आगे ही हैं
बाद में तो हम रूठने के भी नहीं रहते हकदार

अचानक ही बड़े हो जाते हैं मां के जाने से,मां लगती है  कायनात सारी,मां से ही  जागृत रहते हैं अधिकार
सबकी कमी पूरी कर देती है मां
मां की कमी पूरी नहीं कर पाता संसार

जब तक है मां इस जग में जी लो
संग उसके बड़े स्नेह से,
सिमट जाओ उसके आंचल में
करो जिद अपनी पसंद के खानों की,करवाओ मां से लाड मनुहार

दो जितना से सकते हो वक्त उसे
रखो मधुर बोली और परवाह भरा सच्चा व्यवहार
हमें बोलना सिखाने वाली तरसे ना हमसे संवाद हेतु,
सच में मा ही होती है दुर्गा,लक्ष्मी,सरस्वती का अवतार

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