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सुन री सखी सुन री सहेली

सुन री सखी!सुन री सहेली!
एल आई सी की *बीमा सखी*
महिला  कैरियर एजेंट योजना 
आई है

*आम से कैसे बन सकते हैं खास*
अनंत विस्तार की असीमित संभावना संग में लाई है

*विश्वास* का दूसरा नाम
 एल आई सी
सुरक्षा,संरक्षा,संवृद्धि की त्रिवेणी सदा  इसने बहाई है

*महिला सशक्तिकरण एवं आर्थिक आजादी* की ओर यह बढ़ता कदम
जैसे मरुधर में चली पुरवाई है

*हो आत्मनिर्भर हर नारी हर मोड़ पर*
छोटी सी बात मगर बड़ी गहराई है

कैरियर को उड़ान देने का यह सुनहरा अवसर,
बीमा क्षेत्र में एक नई क्रांति ने नारी को आवाज लगाई है

चयन तुम्हारा हर लेगा हर चित चिंता तुम्हारी,
चेतना ने नई सोच,नई उम्मीद की किरण जगाई है

बेबस और शोषित ना रहे कोई नारी,
जड़ में इस योजना के यही गहराई है

चूकना ना मौका,होना लाभान्वित इससे
एल आई सी की *बीमा सखी* महिला कैरियर एजेंट योजना ने धूम मचाई है

अवसर दे रहा दस्तक जिंदगी की चौखट पर,
भाग्य द्वार खोलने की बारी आई है

18 से 70 वर्ष की आयु सीमा,10वीं पास होना है योग्यता इसकी,
स्वावलंबी बनने की बेला आई है

*हर दुविधा अब बन जाएगी सुविधा*
असीमित संभावनाओं में से संभावित सुधार लाने की निगम ने मुहिम चलाई है
अनेक लाभ झोली में भर कर 
*बीमा सखी* योजना आई है

तीन वर्षों तक निश्चित मानदेय मिलेगा
योजना सबको तहे दिल से भाई है
रोजगार का सुनहरा अवसर
जैसे गई मावस और पूनम आई है

*ख्वाब बनेंगे अब हकीकत*
जैसे नारी शक्ति की अलख जलाई है
*हर हाथ सार्थक कर्म करे*
यही भाव झोले में भर कर लाई है

*आर्थिक संबल का अब ओढ़ो कंबल*
संकल्प ने सिद्धि से करी सगाई है

*हसरतें नजरें मिलाएंगी हैसियत से*
उनके एकाकार होने की बेला आई है

*आधी आबादी भी करे धनोपार्जन*
यही भाव उजागर करने आई है
एक और एक होते हैं ग्यारह
बात समझ में आई है

*बूंद बूंद बनाता है सागर*
बात *बीमा सखी*ने समझाई है

अतिरिक्त आय,आर्थिक स्थिरता,
नौकरी से मुक्ति,समय की आजादी
सब कुछ मिलेगा इस मंच पर
हर  सपने ने जैसे ली अंगड़ाई है

चित शांति,सम्मान प्राप्ति,व्यक्तिगत विकास,लोगों की मदद करना
हर बात की बजती इसमें शहनाई है
*योगक्षेम वहांयम* को सार्थक करती
मूल में *जनकल्याण* के भाव को लाई है

*ध्यान से देखो ध्यान से सोचो*
सही दिशा में सही कदम ने महिला शक्ति बढ़ाई है
बढ़ेगी नारी तो बढ़ेगा भारत
मुझे तो बात इतनी सी समझ में आई है
                   स्नेह प्रेमचंद

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