जब जब भी जिक्र होगा तबले का
तब तब तुम आओगे याद
उदास है तबला,स्तब्ध है ताल
आज तबले ने खो दिया अपना उस्ताद
वाह उस्ताद! निकलता था दिल से सीधा, हर श्रोता से जैसे कर लेते थे संवाद
एक शून्य सा उभर कर आया है सच आपके जाने के बाद
जाकिर मतलब *तबला*
ऐसा ही जेहन में आता है
*रविशंकर* जैसे *सितार* में
*उस्ताद अमजद अली* जैसे *सरोद* में रहे
ऐसे ही तबले में वोकल शैली
कर दी थी आपने इजाद
संगीत से प्रेम है जिसे और
करता है जो साधना संगीत की
फिर शराब सिगरेट किसी और नशे की नहीं रहती दरकार
ऐसा मानना था हुसैन जी का,
संगीत अच्छे स्वास्थ्य का सदा देता है उपहार
उदास हैं ताल परेशान हैं स्वर लहरियां, सूना हुआ एक कोना जो पिछले 73 बरसों से था आबाद
जब जब भी जिक्र होगा तबले का,
आओगे तुम दिल से याद
*माधुर्य सृजन और चमत्कार*
यही आपकी शैली का रहे आधार
*शास्त्रीय संगीत को जोड़ा पश्चिमी संगीत से*
लोक संगीत,राक,जैज के दिग्गजों के साथ फ्यूजन संगीत पैदा कर दिखा दिया अपना तबले से प्यार
ऐसा बजाया और ऐसा चित को भाया आपका तबला,जैसे दिल से कर रहा हो संवाद
जब जब भी जिक्र होगा तबले का,तब तब तुम आओगे याद
गंगा नदी की तरह गुरु में सदा बहता है ज्ञान
कोई एक कप,कोई बाल्टी,कोई ट्रक भर लेता है सबका अपनी अपनी समझ का विज्ञान
शिष्य की योग्यता पर निर्भर है
ले, कितना बन पाता है विद्वान
अच्छे शिष्य भी रहे,अच्छे गुरु भी बने, सत्य जाने सारा जहांन
संगीत एक थैरपी है,मेडिटेशन है
सार्थक कर जाती थी आपके तबले की झंकार
सुकून कहूं या कहूं ठंडक आपके तबले को,
परम आनन्द की आती रही महकार
संगीत सागर में ऐसी डुबकी लगाई
आपने,चुन चुन लाए अनमोल से मोती जो सबसे करने लगे फरियाद
जिसने सुना उसने ही पाया
अनमोल सा वाद्य अदभुत सी शैली निर्विवाद
दिल पर दस्तक,जेहन में बसेरा, चित में जिसके पक्के निशान
है,वह आपके तबले का वाद्य
जब जब भी जिक्र होगा तबले का
तब तब तुम आओगे याद
तबला,रिदम और धुन के लिए जीते थे उस्ताद
गायन वादन की कोई ध्वनि नहीं ऐसी जो उनकी उंगलियों से तबले पर ना बोली गई हो,आओगे पल पल याद
वो घुंघराले बाल
वो तन्मयता से तबला बजाना
वो मुस्कान लबों पर,
वो मंत्रमुग्ध सा सारा ज़माना
आगामी पीढियों के लिए छोड़ गए विरासत ऐसी युगों युगों तक रखेंगे याद
संगीत जगत के ओ भास्कर!
जग से भले ही चले गए हो,
पर जेहन में रहोगे सदा निर्विवाद
ऐसी थाप दी तबले को
संगीत का वाद्य *मुख्य वाद्य*
होने का देने लगा अहसास
जब जब भी बिखेरा तबले पर अपना जादू,
श्रोताओं को आनंद सागर में डुबकी लगाने का होता था आभास
तबले को *जन जन का वाद्य*
बना हर दिल पर दस्तक दे डाली
भले ही बस गए थे अमेरिका में
पर हिंदुस्तान और हिन्दुस्तानी संगीता अंतिम श्वास तक जीते रहे,ऐसा बजाया तबला जैसे प्रकृति में होती हरियाली
पिता अल्लाह रक्खा खान ही उनके गुरु और रहे उस्ताद
जब जब भी जिक्र होगा तबले का
आओगे आप बहुत ही याद
सम्मान की फेरहिस्त लंबी है उनकी
संगीत की दुनिया सबसे बड़ा ग्रैमी अवसर भी मिला एक नहीं चार बार
पद्मश्री,पद्म भूषण,पद्म विभूषण से भी हुए सम्मानित,अदभुत उनकी शैली विलक्षण प्रतिभा का संसार
*यूएस नेशनल हेरिटेज फेलोशिप* का भी मिला सम्मान
कलाकारों को दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है ये,
ऐसी रही आपकी आन,बान और शान
*प्रिंसटन विश्वविद्याल में रहे प्रोफेसर* स्टेनफोर्ड विश्व विद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे,सफलता के सर्वोच्च शिखर को छू डाला
जन्म हुआ इनका तो पिता ने दुआ की जगह तबले की सुनाई थी ताल,
संगीत का ही परिवेश,संगीत की ही परवरिश ऐसे पिता ने उनको पाला
Bahut hi badiya likha h
ReplyDeleteसम्पूर्ण कविता पढ़ कर निशब्द हूं भावुक भी बहुत हूं...
ReplyDeleteइतनी बड़ी हस्ती जाकिर हुसैन के विश्व
प्रसिद्द हुनर का इतना सुन्दर वर्णन शायद ही कोई कर पाएगा जिसमें उनका हर एक अक्स नजर आएगा
संगीत अच्छे स्वास्थ्य का सदा देता है उपहार
उदास हैं ताल परेशान हैं स्वर लहरियां, सूना हुआ एक कोना जो पिछले 73 बरसों से था आबाद
जब जब भी जिक्र होगा तबले का,
आओगे तुम दिल से याद
अत्यंत ही सुन्दर पंक्तियां
पढ़ कर मन हुआ गुलज़ार
हर एक पंक्ति में है भावो की बहार
हर बात को चित में दिया उतार
जब जब जिक्र होगा जाकिर हुसैन जी जैसे इंसान का उनके कार्यों का मुझे झट से आपकी ये कविता आएगी दिल से याद
संगीत सागर में ऐसी डुबकी लगाई
आपने,चुन चुन लाए अनमोल से मोती जो सबसे करने लगे फरियाद
जिसने सुना उसने ही पाया
अनमोल सा वाद्य अदभुत सी शैली निर्विवाद ...
उनके व्यक्तित्व को दर्शाने वाली अत्यंत ही रूह स्पर्श पंक्तियां
उनके हर पुरस्कार का भी किया है आपने कितना सुन्दर बखान
हर शब्द में डाली है जान
एक कविता से ही जीवन के हर बात का करवा देते हो अहसास
ये है आपकी कविता की लेखन की बात खास
तभी तो आती है मुझे हर कविता बहुत रास 😊