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Poem on MANMOHAN SINGH JI(( by Sneh premchand))



करबद्ध हम कर रहे
परमपिता से यह अरदास
मिले शांति दिव्य दिवंगत 
आत्मा को,
है,प्रार्थना ही हमारा प्रयास

कर्म ही असली परिचय पत्र हैं व्यक्ति का,
वरना एक ही नाम के हजारों 
करते हैं इस जग में वास

मन मोहने वाले,मनमोहक व्यक्तित्व के धनी मनमोहन जी को सदा रही ज्ञान की प्यास
राजनीति के कीचड़ में भी कमल से खिले रहे विख्यात अर्थशास्त्री,
आजीवन वाणी में रही मिठास
कोई अवसर नहीं ऐसा,कटु वाणी से जो निकाली हो भड़ास
 *नीली पगड़ी वाले* में कुछ नहीं बहुत कुछ रहा सच खास

बढ़ती महंगाई को रोकना है कैसे
जानते थे बखूबी,नए तरीकों का सदा ही किया शिलान्यास
आर्थिक मंदी में भी झुकने नहीं दिया भाल वतन का,
कर डाले हिम्मत से अथक प्रयास
दूरदर्शी सोच,अद्भुत कार्यशैली,
गजब का आत्मविश्वास

*ब्ल्यू टर्बन* के नाम से भी बुलाया जाता था उनको,सदा नीली पगड़ी करते थे धारण
आचरण बड़ा था उनके लिए और छोटा था उच्चारण

रिजर्व बैंक के रहे गवर्नर,
ईमानदारी का चित में रहा सदा वास
10 बरसों तक देश के रहे प्रधान मंत्री,विपक्ष से भी नातों में कभी नहीं आई खटास
अद्भुत कार्यशैली,विनम्र व्यवहार,गजब का रहा आत्मविश्वास
चार चार प्रधान मंत्रियों संग काम किया सिंह जी ने,
हर मोड़ पर किया विकास
पर्सनल लाइफ को सदा अलग रखा प्रोफेशनल लाइफ से,
कितनी सादगी सहजता थी उनके पास

देश हित में सदा लिए फैंसले,
27 करोड़ भारतीयों को गरीबी रेखा से बाहर लाने का फैलाया उजास
प्रधानमंत्री पद पर रहते भारत को 10वे से तीसरे स्थान पर लाया जो, है वह उनकी लगन,निष्ठा,ईमानदारी और आत्मविश्वास
कुशल प्रशासक,अल्पभाषी,ज्ञानी,
बिंदास

रोजगार गारंटी योजना, उदारीकरण,आधार कार्ड बनवाना,सूचना का अधिकार दिलाना,अमेरिका से न्यूक्लियर डील ये सब ऐतिहासिक कार्य अपने प्रधान मंत्री काल में कर डाले
दूरदर्शी सोच,बड़े सपने,छू लिया आकाश

ऑक्सफोर्ड विश्विद्यालय में मिलता है विद्यार्थियों को इनके नाम से स्कॉलरशिप,सच में खास नहीं ये रहे अति अति खास

इनके भाषणों के वॉल्यूम पढ़ते हैं अर्थशास्त्र के विद्यार्थी,नित नित करते हैं अभ्यास

संसार में विभिन्न विश्विद्यालयों में अपार सम्मान से हुए सम्मानित,
धरा पर रहते छू लिया आकाश

फंसे गर किसी चक्रव्यूह में कभी अभिमन्यु से,जानते थे आप कहां है निकास

*उच्चारण में नहीं आचरण* में रहा
 सदा आपका विश्वाश
हर पद की गरिमा बढ़ाई आपने,
महके सदा ज्यों पहुपन में सुवास

क्रिया की प्रतिक्रिया कभी शब्दों से नहीं,कर्मों से कर बने अति खास
आज मौन हो गए भले ही सदा के लिए,पर उनके सत्कर्म करेंगे दिलों में वास

अभाव का प्रभाव बताता है
कोई कितना होता है खास
कथनी में  नहीं
 करनी में रहा उनका विश्वाश

*अजात शत्रु* रहे राजनीति में *अटल* से
अहंकार विकार को आने नहीं दिया पास
*सादा जीवन उच्च विचार*
 लागू होता है आप पर,
सबको हो रहा आभास

*शून्य से शिखर* तक के सफर में
शिक्षा संग संस्कारों का भी रहा वास
*फर्श से अर्श* तक के सफर में
सादगी,विनम्रता,ज्ञान ने आपको बना दिया अति अति खास

*प्रेरणा स्त्रोत* रहेंगे आप आगामी पीढियों के लिए हो बेहतर वे जाने
*संकल्प के सिद्धि*कैसे आ सकती है पास
परिकल्पना,प्रतिबद्धता प्रयास
तीनों की त्रिवेणी का आपको बखूबी था एहसास
हर अहसास को अभिव्यक्ति भले ही ना दी हो आपने,
 पर *शिक्षा के अधिकार* की अलख जगा कर हरा तमस 
फैलाया उजास 
मातृभूमि का ऋण चुकाया,
आज कर गए आप प्रवास
*हानि धरा की लाभ गगन का*
यही सार है आपके बिछौड़े का,
बने आप जाने कितनों की आस

सफलता का कोई *शॉर्ट कट* नहीं होता
सही समय पर सही दिशा में करने पड़ते हैं सार्थक प्रयास
और परिचय क्या दूं मैं आपका???
खुद ही बयान करेगा इतिहास

बिन दिखावे और आडंबर के कोई इतना भी कर सकता है विकास
आज मंथन कर रहा है जग आपकी विदाई पर,स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा आपका इतिहास

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