Skip to main content

Poem on Savitri bai fulle महान समाज सुधारक (( महान उपलब्धि सराहनीय प्रयास))

*महान उपलब्धि,,सराहनीय प्रयास*
और परिचय क्या दूं सावित्री बाई फुले का????
संकल्प को सिद्धि के ले आती थी पास

*ज्ञान की स्याही,इच्छाशक्ति की तख्ती,सुधार की लेखनी*
 तीनों की त्रिवेणी बहती थी चित में ऐसी
जैसे घने अंधेरे में होता हो उजास

विश्वाश को भी नहीं हो पाता खुद पर विश्वाश
190 वर्ष पूर्व धरा पर सावित्री बाई फुले करती थी वास..

बुलंद हौंसला,नेक इरादे,जनकल्याण के भाव का चित में वास
आधी आबादी ना रहे वंचित शिक्षा से,
शिक्षा की अलख जला कर जगाई आस 
*महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास*

*भारत की पहली महिला शिक्षिका,
महान क्रांतिकारी महिला* 
सच में थी कितनी ज्यादा खास

नारी सशक्तिकरण का ओजस्वी स्वर,क्रांति ज्योति सावित्री बाई फुले के वंदनीय हैं प्रयास

रौंगटे से खड़े हो जाते हैं देख योगदान उनका,
धरा पर रह कर छू लिया था आकाश

प्रतिबद्ध रही आजीवन ही कर्तव्य कर्म के लिए,
चाहा करना सदा महिलाओं का विकास
नेक नीयत,श्रेष्ठ सीरत,सावित्री बाई फुले का व्यक्तित्व बड़ा खास

3जनवरी 1831 को जन्मी महाराष्ट्र के सितारा जिले में,
महकी आजीवन ज्यों पहुपन में सुवास

मात्र 17 वर्ष की आयु में खोला स्कूल पुणे में,उनकी हर उपलब्धि थी खास

समाज के उच्च वर्ग का झेला विरोध,पर बनाए रखी सदा अपनी आस

स्त्री शिक्षा विरोधियों के सहे अपशब्द
पर हर मोड़ पर बनाए रखा आत्मविश्वास

विचलित ना हुई अपने मार्ग से,
किए अनसुने ताने,अपशब्द,परिहास
अद्भुत इच्छा शक्ति,जनकल्याण की सोच आती थी रास

16 नवंबर 1852 में ब्रिटिश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में योगदान हेतु किया सम्मानित
धरा पर रह  छू लिया था आकाश

बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहन देने में अतुलनीय योगदान उनका,
सच में रच दिया जैसे इतिहास

महिलाओं के अधिकार और सम्मान तथा सामाजिक मुद्दों के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए महिला सेवा मंडल का गठन किया,
*महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास*

*सती प्रथा* जैसी अमानवीय प्रथा का किया विरोध,
इसके खिलाफ जन जागरूकता के आंदोलन भी चलाए
*महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास*

*विधवा मुंडन* के विरोध में पुणे बॉम्बे के नाइयों को कर इकठ्ठा विधवा मुंडन नहीं करने का संकल्प दिलाया
*महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास*

*फातिमा शेख* को पढ़ने की दी प्रेरणा
हरा तमस फैला दिया उजास

अमानवीय नरसंहार से बचाया विधवाओं को,
कितनी करुणा थी उनके पास
*महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास*

फिर *आश्रय गृह* खोला उनके लिए,
नहीं होने दिया कभी किसी को निराश

ऐतिहासिक कदम था ये सावित्री जी का,
भारत का पहला *बाल हत्या प्रतिबन्धक गृह* किया स्थापित
*अति विशेष था उनका हर प्रयास*

काशीबाई विधवा गर्भवती को आत्महत्या से रोका, ला दी मुस्कान उस चेहरे पर जो था उदास
उसके बच्चे को अपना नाम दिया 
बनाया डॉक्टर, प्रसिद्ध हुआ यशवंत नाम से,
महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास

समाज सेवा का अप्रतिम उदाहरण
उस पल सामने आया
जन महाराष्ट्र में फैला था प्लेग
बेटे संग मिल कर प्लेग प्रभावित लोगों के लिए क्लिनिक का किया शिलान्यास
*महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास*

अछूत माने जाने वाले प्लेग पीड़ित लोगों का किया इलाज,खुद भी पीड़ित हुई उनकी सेवा कर,10 मार्च 1897 को निधन हुआ
जग से जा कर भी जेहन में किया वास
*महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास*

आधुनिक भारत की पहली महिला कवयित्री और लेखिका थी सावित्री जी,
 चित,चितवन,चेष्टा, चेतन,अचेतन सब था उनका अति खास
23 वर्ष की उम्र में पहला कविता संग्रह हुआ प्रकाशित *काव्य फुले* 1854 में,बड़ी सोच और बड़ा विकास

स्त्री पुरुष समानता और हर नागरिक की गरिमा की सुरक्षा पर केंद्रित रहा उनका लेखन, अहम से वयम की बयार चला बना अति खास
महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास

10 मार्च 1998 को भारत सरकार ने उनकी स्मृति में डाक टिकट किया जारी,कितनी बड़ी उपलब्धि जैसे अन्नत आकाश

2015 में पुणे  विश्विद्यालय का नाम सावित्री बाई फुले विश्वविद्यालय किया
गया,
*महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास*

5 जनवरी 2021 भारत में उनके जन्मदिवस पर राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की हुई शुरुआत
आने वाली पीढ़ियों को दे गई सावित्री जी जाने क्या क्या सौगात
*महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास*
प्रेरणापुंज रहेंगे संघर्ष उनके सदा,
जग से जा कर भी जेहन में सदा करेंगी वास







Comments

Popular posts from this blog

वही मित्र है((विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

कह सकें हम जिनसे बातें दिल की, वही मित्र है। जो हमारे गुण और अवगुण दोनों से ही परिचित होते हैं, वही मित्र हैं। जहां औपचारिकता की कोई जरूरत नहीं होती,वहां मित्र हैं।। जाति, धर्म, रंगभेद, प्रांत, शहर,देश,आयु,हर सरहद से जो पार खड़े हैं वही मित्र हैं।। *कुछ कर दरगुजर कुछ कर दरकिनार* यही होता है सच्ची मित्रता का आधार।। मान है मित्रता,और है मनुहार। स्नेह है मित्रता,और है सच्चा दुलार। नाता नहीं बेशक ये खून का, पर है मित्रता अपनेपन का सार।। छोटी छोटी बातों का मित्र कभी बुरा नहीं मानते। क्योंकि कैसा है मित्र उनका, ये बखूबी हैं जानते।। मित्रता जरूरी नहीं एक जैसे व्यक्तित्व के लोगों में ही हो, कान्हा और सुदामा की मित्रता इसका सटीक उदाहरण है। राम और सुग्रीव की मित्रता भी विचारणीय है।। हर भाव जिससे हम साझा कर सकें और मन यह ना सोचें कि यह बताने से मित्र क्या सोचेगा?? वही मित्र है।। बाज़ औकात, मित्र हमारे भविष्य के बारे में भी हम से बेहतर जान लेते हैं। सबसे पहली मित्र,सबसे प्यारी मित्र मां होती है,किसी भी सच्चे और गहरे नाते की पहली शर्त मित्र होना है।। मित्र मजाक ज़रूर करते हैं,परंतु कटाक...

बुआ भतीजी

सकल पदार्थ हैं जग माहि, करमहीन नर पावत माहि।।,(thought by Sneh premchand)

सकल पदारथ हैं जग मांहि,कर्महीन नर पावत नाहि।। स--ब कुछ है इस जग में,कर्मों के चश्मे से कर लो दीदार। क--ल कभी नही आता जीवन में, आज अभी से कर्म करना करो स्वीकार। ल--गता सबको अच्छा इस जग में करना आराम है। प--र क्या मिलता है कर्महीनता से,अकर्मण्यता एक झूठा विश्राम है। दा--ता देना हमको ऐसी शक्ति, र--म जाए कर्म नस नस मे हमारी,हों हमको हिम्मत के दीदार। थ-कें न कभी,रुके न कभी,हो दाता के शुक्रगुजार। हैं--बुलंद हौंसले,फिर क्या डरना किसी भी आंधी से, ज--नम नही होता ज़िन्दगी में बार बार। ग--रिमा बनी रहती है कर्मठ लोगों की, मा--नासिक बल कर देता है उद्धार। हि--माल्य सी ताकत होती है कर्मठ लोगों में, क--भी हार के नहीं होते हैं दीदार। र--ब भी देता है साथ सदा उन लोगों का, म--रुधर में शीतल जल की आ जाती है फुहार। ही--न भावना नही रहती कर्मठ लोगों में, न--हीं असफलता के उन्हें होते दीदार। न--र,नारी लगते हैं सुंदर श्रम की चादर ओढ़े, र--हमत खुदा की सदैव उनको मिलती है उनको उपहार। पा--लेता है मंज़िल कर्म का राही, व--श में हो जाता है उसके संसार। त--प,तप सोना बनता है ज्यूँ कुंदन, ना--द कर्म के से गुंजित होता है मधुर व...