माना हर सफर को मंजिल नहीं मिलती
पर मंजिल मिलती किसी ना किसी सफर को ही है,
इसलिए ज़रूरी नहीं,
बहुत जरूरी है करना प्रयास
सोच,कर्म,परिणाम की ऐसी बह जाती है त्रिवेणी,सुपरिणाम चल कर आते हैं फिर हमारे पास
दिल में जज्बा,जेहन में आशा
चित में सकारात्मक चेतना का खिला उजास
किसी अच्छे समूह से जुड़ाव है एक प्रकार की मेडिटेशन,जीवन से अंधकार का हो जाता है ह्रास
कर्म बोलते हैं खुद ही,
करना नहीं पड़ता प्रयास
*संकल्प दस्तक दे ही देता है
सिद्धि की चौखट पर*
मुस्कुराने लगता है विकास
स्वच्छ,सुंदर,प्रदूषण रहित
बने देश हमारा,
इसी भाव का हो
चित में सबके वास
यहां संस्कारों को पढ़ाया नहीं करके दिखाया जाता है,
*उच्चारण नहीं आचरण में होता है विश्वाश*
बाल चित में रोपित हो जाते हैं संस्कार स्वयं ही,
जैसे सुमन में सहज रूप
से होती है सुवास
8 साल से 80 साल तक के
सदस्य हैं इस परिवार में,
*हमारा प्यार हिसार*
खास नहीं,है, अति अति खास
मूल में होता है *जनकल्याण*
जिस भी कर्म के,
उस सत्कर्म में सहायक हो जाते हैं घटक प्रकृति के भी,
ऐसा अंदेशा नहीं,है,मेरा पूर्ण विश्वास
मात्रात्मक नहीं गुणात्मक समय बिताते हैं सब यहां,
कर्म संग करते हैं हेल्दी हास परिहास
यहां कर्म आनन्द है,बोझ नहीं,
ऐसा हर सदस्य को होता है आभास
कर्मानंद की ऐसी चलती है बयार,
हर जन लेता है उसी में श्वास
आओ तो सार्थक करने अपना इतवार कभी,
मुस्कान लबों पर आ जाएगी अनायास
जिम्मेदारी से करते हैं सब काज यहां,
आता है इन्हें सब करने में रास
न दिन देखते न रात देखते
न सर्दी देखते न गर्मी देखते,
आते हैं पीत वर्ण परिधान में, विविधता में एकता का होता आभास
अदभुत इनकी कार्यशैली,
मनमोहक सा इनका लिबास
*हुनर* बोलता,मुस्कुराता,खिलता है यहां
कल कल बहती नदिया सी
कला का चित चित में होता वास
*दिल में जज्बा,जेहन में जोश,चित में इनके अच्छा करने के भाव का स्थाई वास*
इस परिवार से जुड़ कर तो देखो,
सकारात्मक सोच,सुखद अनुभूति का निश्चित रूप से होगा आभास
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ReplyDeleteक्या खूब लिखा है..
ReplyDeleteप्रयास के बारे में सबसे पहले तो यही कहूंगी ये सच्चे चित से आपके प्रयास ही है जो हर कविता आती है सबको रास बहुत बहुत उच्च है आपके प्रयास हर कविता में छुपी होती है एक सकारात्मकता, सच्चाई और कुछ अच्छा कर दरगुजर करने की आस...
बहुत सच्चा है आपका हृदय जो इतने उच्च विचार है आपके पास तभी हर कविता होती है आपकी खास
हमारा प्यार हिसार का एक सदस्य बनना अपने आप में है एक बहुत बड़ी बात देश सुंदर हो स्वच्छ हो ऐसे
भावो संग जनकल्याण ही हर डगर हो ही जाती है पार...
सत्कर्म को आचरण में लाकर मेहनत संग हो ही जाता है देश के कोने कोने का विकास..
8 से 80 वर्ष के लोगों का यही है विश्वास..
होगा इस संघ का हर सपना साकार
देश बनेगा स्वच्छ सुन्दर होंगे सार्थक आपके प्रयास
करे उन्नति हमारा प्यार हिसार लगातार
छुए सफलता की चोटी हमारा संघ "हमारा प्यार हिसार"