वाणी पर हो संयम जिसका, उसे मानव कहते हैं उठ पटांग जो कुछ भी बोले, उसे दानव कहते हैं सीखना हो तो कोई तुझ से सीखे मीठी बोली और मधुर व्यवहार संयम,संतोष,सौहार्द,स्नेह की आजीवन बहती रही तेरे चित में बयार मैं नहीं कहती,कहता है ये सारा संसार सच में कोहिनूर थी तूं रोहिलास परिवार का, शिक्षा संग मिले थे तुझे संस्कार