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ललक thought by snehpremchand

द्रोण में अर्जुन की, चाणक्य में चन्द्रगुप्त बनाने की जो ललक थी,उसी ललक , जोश , ज़ज़्बे का ही परिणाम तो थे चंदगुप्त और कुन्तीनन्दन । इतिहास के इन पात्रों का, वर्तमान आज भी कर रहा है अभिनन्दन ।।       स्नेहप्रेमचंद