*एक ही वृक्ष के हैं हम फल,फूल,पत्ते हरी भरी शाखाएं* *विविधता है बेशक बाहरी स्वरूपों में हमारे, ,पर मन की एकता की मिलती हैं राहें* *अलग खान पान है अलग है पहनावा" *पर मूल से हम सब भारतीय ही हैं, नहीं करते कभी कोई कहीं दिखावा* बोली बेशक अलग हो हमारी, पर दिल के भाव एक हैं एक साथ खड़े होते हैं इसलिए, क्योंकि दिल के भाव नेक हैं।। *कला ना जाने सरहद कोई* *संगीत ना जाने मजहब कोई* *साहित्य ना जाने कोई दीवार* *विविधता में भी एकता है हम में* *प्रेम ही हर रिश्ते का आधार* *परदेसी को भी बना लेते हैं अपना यही हमारी शिक्षा,यही हमारे संस्कार*