सदा ममता की जो धुन निकाले, मां होती है ऐसा साज एक बात आती है समझ में, हम कंठ तो मां आवाज ऐसी किताब होती है मां प्रेम से ओत प्रोत हर अल्फाज हमे इस जग में लाने वाली हमारे पंखों को देती है परवाज हर ख्वाब बने हकीकत हमारा यही चाहे पल पल मां का कल और मां का आज शिक्षा है मां संस्कार है मां मां ही सभ्यता मां ही संस्कृति मां ही तहजीब,मां ही रीति मां ही रिवाज