सात सुर। thought by sneh premchand August 23, 2020 सातों सुर पड़ जाते है फ़ीके, जब कोई माँ लोरी गाती हैं। माँ के आँचल में है वो पूर्णता,जहां ममता डेरा जमाती है।। मा बना दे जो भी रोटी,वो प्रसाद बन जाती है। माँ की हर चितवन होती है चारु,मा खुशियाँ ही खुशियाँ सहेज कर लाती है।। Read more